मशहूर कंपनी आईटीसी अपने होटल कारोबार को अलग कर रही है. ऐसे में आईटीसी होटल्स का IPO मार्केट में उतारा जाएगा. लिस्टिंग के लिए अभी नियामक प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है, इसमें करीब 12-15 महीने का समय लगेगा. इस बात की जानकारी शुक्रवार को आयोजित हुई कंपनी की 112वीं आम वार्षिक बैठक में दी गई. इस बारे में कंपनी के एमडी संजीव पुरी ने कहा कि नियामक प्रक्रिया में कई चरण होते हैं, जिसकी वजह से लिस्टिंग में अभी थोड़ा समय लगेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि इस नई इकाई में आईटीसी की दिलचस्पी बनी हुई है, जो इसे लंबे समय के लिए स्थिरता देगी. साथ ही ये निवेशकों और कर्मचारियों के बीच आश्वासन की भावना पैदा करने में मदद करेगा. बता दें पिछले महीने, आईटीसी ने घोषणा की थी कि बोर्ड ने सैद्धांतिक रूप से होटल व्यवसाय के डिमर्जर को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत आईटीसी की 40% हिस्सेदारी बरकरार रहेगी, जबकि 60% का स्वामित्व सीधे कंपनी के शेयरधारकों के पास होगा. नई व्यवस्था में आईटीसी शेयरधारकों के आर्थिक हित में कोई बदलाव नहीं होगा. वे आईटीसी में अपनी हिस्सेदारी के जरिए प्रत्यक्ष रूप से 60% और अप्रत्यक्ष रूप से 40% हिस्सेदारी रख सकेंगे.
कंपनी का मानना है कि पुनर्गठन से पूंजी आवंटन में तेजी आएगी, साथ ही एसेट रेशियो में भी सुधार होगा. इससे शेयरधारकों के लिए भी वैल्यू अनलॉक होगी और वे आईटीसी के संस्थागत तालमेल का फायदा उठा सकेंगे. डिमर्जर के तहत आईटीसी, एफएमसीजी कारोबार को बढ़ाने के लिए होटलों के साथ मिलजुल कर काम करेगी. आईटीसी के होटल व्यवसाय ने पिछले वित्तीय वर्ष में सेग्मेंट रेवेन्यू में दोगुनी ग्रोथ हासिल की थी. जबकि Ebitda मार्जिन में 2019-20 की तुलना में 930 बेसिस प्वाइंट्स का विस्तार हुआ था. बता दें आईटीसी के 70 जगहों पर करीब 120 होटल हैं.