करीब एक दशक से IT सेक्टर में निवेश कर मौटा पैसा बनाने वाले मुजफ्फरनगर के रजत दूसरी तिमाही के नतीजों से काफी निराश नजर आ रहे हैं. क्योंकि ज्यादातर दिग्गज IT कंपनियों के नतीजे या तो बाजार अनुमान के मुताबिक रहे हैं या अनुमान से कम. FY24 की दूसरी तिमाही में Tech Mahindra के मुनाफे में साल दर साल एक दशक से भी ज्यादा की बड़ी गिरावट दर्ज की गई जबकि Infosys और HCL Tech ने तो अपनी आय ग्रोथ गाइडेंस में भी कटौती की घोषणा की.
रजत ने जब अपने दोस्त और वित्तीय सलाहकार राजीव को फोन किया तो राजीव ने उनको बताया कि भले ही दिग्गज IT कंपनियों ने निराश किया है पर ज्यादातर मिडकैप IT कंपनियों ने मुनाफे में साल दर साल अच्छी ग्रोथ दर्ज की है.
दिग्गजों के विपरीत Coforge ने अपना आय ग्रोथ ग्राइडेंस बरकरार रखा तो KPIT Tech ने FY24 के CC आय ग्रोथ गाइडेंस 27-30% से बढ़ाकर 37%+ कर दिया और कामकाजी मुनाफे की ग्रोथ का outlook भी पहले के 19-20% के मुकाबले 20%+ कर दिया. पर दिक्कत की बात ये है कि मिडकैप IT क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियों के शेयर 42 से ऊपर के PE मल्टीपल पर कारोबार कर रहे हैं. PE यानी प्राइस टू अर्निंग्स मल्टीपल से हमें शेयर के वैल्युएशन के बारे में पता चलता है.
इसके अलावा प्रोडक्ट्स पर फोकस करने वाली Intellect Design और Zensar Tech जैसी चुनिंदा छोटी IT कंपनियों के मुनाफे में तो साल दर साल 54 से 205% तक की बढ़त दर्ज की. यानी कि कमजोर माहौल में भी नतीजे काफी अच्छे रहे हैं क्योंकि इनकी ऑर्डर बुक काफी मजबूत है. मजे की बात ये है कि ज्यादातर छोटी IT कंपनियों के शेयर 39 गुना के नीचे के PE मल्टीपल वैल्युएशन पर कारोबार कर रहे हैं.
अब सवाल ये है कि इस सेक्टर का आउटलुक कैसा है, यानी कि आने वाली तिमाहियां कैसी रह सकती हैं? जानकारों का मानना है कि अमेरिका और यूरोप में आर्थिक अनिश्चितता और बढ़ती ब्याज दरों से इस सेक्टर का छोटी अवधि का आउटलुक बहुत सकारात्मक नजर नहीं आ रहा है. अगर इजराइल-हमास युद्ध लंबा खिंचा तो महंगाई बहुत जल्द कम होने की उम्मीद भी धूमिल हो सकती है. युद्ध के चलते महंगाई ने तूल पकड़ा तो सेंट्रल बैंक दरों में बढ़ोतरी करने से नहीं हिचकिचाएंगे. इससे IT कंपनियों की ग्रोथ पर असर की आशंका और बढ़ जाएगी.
Market Expert Santosh Singh का कहना है कि,” US में ब्याज दरें बढ़ने और रेटिंग में कमी होने से Cost of Capital 4-4.5% की रेंज में है जो ज्यादातर कारोबारियों ने factor in नहीं कर रखा है. अगर फेड ने आगे दरें नहीं भी बढ़ाई और 6-12 महीने तक Cost of Capital ऊंचा बना रहा तो कंपनियों के पूंजीगत खर्च पर बड़ा असर हो सकता है. इसलिए IT सेक्टर के आगे अंडरपरफॉर्म करने की ही आशंका है.
यही नहीं चारों दिग्गज IT कंपनियों के हेडकाउंट या कर्मचारी संख्या में भी कमी हुई है. इंफोसिस ने तो यहां तक कह दिया है कि उनकी बेंच strength पर्याप्त है और वो hiring के लिए इस साल कॉलेजों में नहीं जाएंगे. अब बड़ा सवाल ये है कि अगर पूरे सेक्टर का आउटलुक अच्छा नहीं है तो इस सेक्टर के शेयरों में कैसे रणनीति तैयार करनी चाहिए?
Santosh सिंह का मानना है कि,” तिमाही नतीजों के बाद टॉप 4 दिग्गज IT कंपनियों समेत Tech Mahindra के शेयर से दूर रहें. हालांकि जब रिवर्सल होगा यानी सेक्टर में सुधार शुरू होगा तो HCL Tech पहली पसंद होगा. Zensar Tech, KPIT Tech, Bosch, Tata Elxsi, Birlasoft, Latent View और Coforge सेक्टर में पसंदीदा शेयर हैं…जिनमें 10-15% गिरावट पर खरीदारी करें. 1-1.5 साल के नजरिए से इन शेयरों में 30-35% रिटर्न मिलने की उम्मीद है.
तो IT सेक्टर के लिए भले ही दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं पर आने वाली कम से कम 1-2 तिमाही के लिए आउटलुक भी अच्छा नहीं है… ऐसे में केवल software के बजाए प्रोडक्ट्स पर फोकस करने वाली मिडकैप और छोटी IT कंपनियों में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है. अगर आपका 1-1.5 साल का नजरिया है तो गिरावट पर चुनिंदा IT कंपनियों में निवेश कर पोर्टफोलियो तैयार किया जा सकता है.
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