ICICI Securities Delisting: निजी क्षेत्र के प्रमुख ICICI Bank की ब्रोकिंग कारोबार से जुड़ी सहयोगी कंपनी आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) की स्टॉक एक्सचेंजों से डी-लिस्टिंग का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार 29 जून को हुई बैठक में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के बोर्ड ने डी-लिस्टिंग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही भारत के पांचवें सबसे बड़े स्टॉक ब्रोकर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक के पास इस कंपनी की करीब 75 फीसद हिस्सेदारी है. डी-लिस्टिंग के बाद आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में बैंक की 100% हिस्सेदारी वाली कंपनी बन जाएगी. ये डी-लिस्टिंग कैश पेआउट के जरिए नहीं बल्कि शेयर स्वैप के जरिए होगा.
12-15 महीने में पूरा होगा अधिग्रहण
इसके साथ ही, कंपनी ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को अपने शेयरों के बदले आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के शेयर देने की भी घोषणा की है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को अपने 100 शेयरों के बदले में आईसीआईसीआई बैंक के 67 इक्विटी शेयर मिलेंगे. डी-लिस्टिंग या आईसीआईसीआई बैंक की ओर से इस अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने में 12-15 महीने का समय लगेगा.
भारत का पांचवां सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकर
कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में गुरुवार को डीलिस्टिंग प्रस्ताव पर फैसला लिया गया. बैठक में यह तय हुआ कि आईसीआईसीआई बैंक कंपनी में अपने इक्विटी शेयरों को रद्द करने के बदले स्टॉक ब्रोकर के सार्वजनिक शेयरधारकों को इक्विटी शेयर जारी करेगा. आईसीआईसीआई बैंक का कहना है कि कंपनी में अतिरिक्त पूंजी लगाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में कम पूंजी खपत है. इस फैसले से बैंक की पर्याप्तता पूंजी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के पास बाजार की हिस्सेदारी 6.8% है और यह भारत का पांचवां सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकर है. पिछले महीने यानी मई 2023 के अंत में इसके एनएसई सक्रिय ग्राहकों की संख्या 21 लाख थी.