विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने मार्च महीने में अबतक भारतीय शेयर बाजार में 6,139 करोड़ रुपये का निवेश किया है. मजबूत आर्थिक वृद्धि, बाजार की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट के चलते एफपीआई का भारतीय शेयरों के प्रति रुझान बढ़ा है. डिपॉजिटरी की तरफ से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने शेयरों में 1,539 करोड़ रुपये लगाए थे, जबकि जनवरी महीने में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी. यानी भारतीय शेयर बाजार में पिछले महीने से एफपीआई के निवेश लगातार बढ़ रहे हैं.
भारतीय बाजार में क्यों रुचि दिखा रहे विदेशी निवेशक?
बीडीओ इंडिया के भागीदार और लीडर (एफएस टैक्स, टैक्स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज) मनोज पुरोहित ने कहा कि पिछले महीने की तुलना में मार्च में एफपीआई का रुख ज्यादा पॉजिटिव नजर आ रहा है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत पर रही है, जिसका फायदा बाजार को मिलता दिख रहा है. इसके अलावा भारत की बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन भी इस तिमाही काफी अच्छा रहा है, जिसकी वजह से एफपीआई के बीच भारतीय शेयर बाजार का आकर्षण बना हुआ है.’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘तीन कारणों से एफपीआई भारतीय बाजार में रुचि दिखा रहे हैं। इनमें बाजार की मजबूती और अमेरिकी में बॉन्ड यील्ड में गिरावट के अलावा जीडीपी की वृद्धि दर के उम्मीद से बेहतर आंकड़े शामिल हैं.’
बॉन्ड बाजार में एफपीआई लगा रहे पैसे
शेयरों के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में बॉन्ड बाजार में 1,025 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जेपी मॉर्गन सूचकांक में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल करने की घोषणा से भी विदेशी निवेशक प्रभावित दिख रहे हैं. यही वजह है कि डेट या बॉन्ड बाजार में एफपीआई पिछले कुछ महीनों से पैसा लगा रहे हैं. एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में फरवरी में 22,419 करोड़ रुपए, जबकि जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये और दिसंबर में 18,302 करोड़ रुपये निवेश किए थे. कुल मिलाकर इस साल यानी 2024 में अबतक एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से 18,000 करोड़ रुपये निकाले हैं, जबकि इस दौरान उन्होंने डेट मार्केट में 43,280 करोड़ रुपये डाले हैं.