विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने चालू माह मई के पहले 10 दिन में भारतीय शेयर बाजारों से 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. आम चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के बीच ऊंचे मूल्यांकन और मुनाफा काटने के लिए विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजारों से निकासी कर रहे हैं. इससे पहले पिछले अप्रैल महीने में मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने की वजह से एफपीआई ने शेयरों से 8,700 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. इस तरह चालू माह के पहले 10 दिन में ही एफपीआई अप्रैल से अधिक की निकासी कर चुके हैं.
इससे पहले एफपीआई ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. माना जा रहा है कि आम चुनाव के बाद भारतीय कंपनियों के मजबूत वित्तीय नतीजों की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में निवेश बढ़ाएंगे. ट्रेडजिनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) त्रिवेश डी ने कहा कि चुनाव परिणाम स्पष्ट होने तक एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं, लेकिन नतीजे अनुकूल रहने और राजनीतिक स्थिरता की स्थिति में वे भारतीय बाजारों में बड़ा निवेश कर सकते हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (10 मई तक) अबतक शेयरों से 17,083 करोड़ रुपये निकाले हैं. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की आक्रामक बिकवाली के कई कारण हैं. आम चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता की वजह से एफपीआई सतर्कता बरत रहे हैं. चुनाव नतीजों से पहले वे बाजार में आने से कतरा रहे हैं.
समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 1,602 करोड़ रुपये निकाले हैं. इससे पहले एफपीआई ने मार्च में बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था. कुल मिलाकर 2024 में अबतक एफपीआई शेयरों से 14,860 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. हालांकि उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार में 14,307 करोड़ रुपये डाले हैं.