शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियों के मुख्य पदों पर बैठे लोगों के लिए कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग के नियम अब सख्त हो गए हैं. कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने लिस्टेड कंपनियों के मुख्य पदों पर बैठे सभी लोगों के पैन नंबर हर तिमाही उस समय फ्रीज करने का फैसला किया है, जब कंपनी के वित्तीय परिणाम जारी किए जाते हैं. पहले यह नियम सिर्फ सेंसेक्स और निफ्टी-50 की कंपनियों के लिए लागू थे. लेकिन अब शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियां इसके दायरे में आ गई हैं.
इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए सेबी ने यह बड़ा फैसला लिया है. इनसाइडर ट्रेडिंग मतलब ऐसे ट्रेड से है, जिसमें किसी कंपनी से जुड़ी अहम जानकारी की मदद से उसी कंपनी का कोई अधिकारी गलत फायदा उठाता है. इस गलत काम को रोकने के लिए सेबी ने कंपनी के वित्तीय परिणाम जारी होने के बाद ट्रेडिंग विंडो क्लोजर फ्रेमवर्क तैयार किया है.
इस फ्रेमवर्क में कंपनी के प्रबंधन से जुड़े शीर्ष अधिकारियों और कर्मचारियों के पैन नंबर को फ्रीज कर दिया जाता है. ताकि अधिकारी और कर्मचारी वित्तीय परिणामों का फायदा उठाकर इनसाइडर ट्रेडिंग न कर सकें.
दरअसल ऐसे लोगों को कंपनी के बारे में गहरी जानकारियां होती हैं. ऐसे लोग कंपनी की इस जानकारी के आधार पर ट्रेडिंग कर सकते हैं और बड़ा मुनाफा भी कमा सकते हैं. साथ ही ये जानकारी को अपने रिश्तेदारों के साथ शेयर कर सकते हैं और वो लोग लाभ उठा सकते हैं. इसी को रोकने के लिए सेबी ने ये कदम उठाया है.
बीएसई पर मार्च, 2023 तक 5,225 और एनएसई पर 2,138 कंपनियां लिस्टेड हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सेबी के इस नए नियम से इनसाइडर ट्रेडिंग पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकेगी.
अगस्त 2022 में सेबी ने एक फ्रेमवर्क तैयार किया था. इस फ्रेमवर्क के मुताबिक ट्रेडिंग विंडो बंद होने की अवधि के दौरान पैन को फ्रीज करके नामित व्यक्तियों द्वारा हो रही ट्रेडिंग को रोकने की योजना थी. यह फ्रेमवर्क सबसे पहले उन लिस्टेड कंपनियों के लिए लागू किया गया था जो निफ्टी 50 और सेंसेक्स का हिस्सा थीं.
Published - July 20, 2023, 01:40 IST
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