शेयर बाजार में निवेश करते समय अगर एक निवेशक को सबसे पहले किसी बात से बचना चाहिए तो वो है rumours यानी अफवाहें. ऐसा इसलिए क्योंकि यह देखा गया है कि शेयरों में लगभग 60 फीसदी मूवमेंट अफवाहों के दम पर होता है. ठोस खबरों या पुख्ता जानकारी पर केवल 40 फीसदी सौदे ही होते हैं. यह एक कठोर सचाई है.
दरअसल कोई भी खबर आने से पहले बाजार में उसके कयास या अनुमान लगने शुरू हो जाते हैं. बाजार का नेचर ही कुछ ऐसा है कि यह इवेन्ट्स के होने या खबरों के आने से पहले उनको डिस्काउंट करने की कोशिश करता है. इसलिए ज्यादातर एनालिस्ट शेयरों के लक्ष्य कम से कम एक साल आगे के वैल्युएशन को ध्यान में रखकर करते हैं.
खबरों का असर दरअसल किसी भी शेयर के भाव में फंडामेंटल (Fundamental) की भूमिका बहुत बाद में आती है. ज्यादातर मामलों में तो ऐसा देखा जाता है कि जब बाजार में ठोस सोर्सेज से खबर आती है तो शेयर की कीमत में उलटा असर देखने को मिलता है. शेयर कारोबारियों के बीच एक कहावत चलती है कि Buy on Rumour, Sell on News यानी कि पॉजिटिव खबर आने से पहले किसी शेयर में खरीदारी करो और जिस दिन खबर आए उस दिन मुनाफा वसूलो. लेकिन आम निवेशक के लिए यह रणनीति खतरनाक है.
कैसे फैलती है अफवाह? आप सोचेंगे कि ये अफवाहें फैलाता कौन है? तो ज्यादातर अफवाहें वो ट्रेडर्स फैलाते हैं जिन्होंने किसी शेयर में सौदे खड़े कर रखे होते हैं. अगर खरीदारी कर रखी हो तो पॉजिटिव खबरें फैलाईं जाती हैं और अगर मंदी की पोजीशन खड़ी कर रखी हो तो उसी कंपनी के बारे में निगेटिव खबरें फैलाई जाती हैं. इन अफवाहों को फैलाने के लिए मीडिया, Whatsapp और Telegram के चैनलों के अलावा इंटरनेट पर आर्टिकल छपवाकर भी फैलाया जाता है. इस तरह के फर्जी Whatsapp और Telegram चैनलों पर मार्केट रेगुलेटर (SEBI) की ओर से कई बार कार्रवाई भी की जा चुकी है, जिसमें इनको बंद करने से लेकर जुर्माना लगाने तक के कई फैसले हमारे सामने हैं.
अफवाहों पर कैसे चलते-गिरते हैं शेयर? अब सवाल ये उठता है कि अफवाहों के दम पर शेयर चलते और गिरते कैसे हैं. इसे एक-दो उदाहरणों से समझते हैं. उदाहरण के तौर पर 14 जून 2023 को Vodafone Idea को लेकर अखबारों में खबर छपी कि बिजनेस रिवाइवल प्लान के तहत कंपनी ने 14,000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव सामने रखा है. इस प्रस्ताव के तहत कंपनी के प्रमोटर्स Aditya Birla Group और UK का Vodafone Group आधा निवेश करेंगे. इस खबर के चलते 14 जून को Vodafone Idea के शेयर में 7% से ज्यादा का उछाल देखने को मिला. कारोबार के शुरुआती 5 मिनटों में शेयर ने 8.25 रुपए की इंट्राडे ऊंचाई को भी छुआ. इंट्राडे में शेयर करीब 7 फीसदी उछला पर क्लोजिंग केवल 2 फीसदी की मजबूती के साथ हुई. यानी कि जिन्होंने ने ये अफवाह फैलाई थी उन्होंने अपने पहले से खरीदे हुए शेयरों के ऊंचे भाव पर बेचकर अपना उल्लू सीधा कर लिया .
सोचने वाली बात ये है कि न तो कंपनी के मैनेजमेंट ने इसके बारे में कुछ कहा, न ही किसी बैंकर ने और न ही प्रमोटर ने, बल्कि कुछ दिन पहले ही कंपनी के विदेशी निवेशक Vodafone Group ने इस कंपनी में अपने निवेश को जीरो घोषित कर दिया था.
SEBI ने क्या कदम उठाए? इस तरह के नेटवर्क या अफवाहों के दम पर पैसा बनाने और छोटे निवेशकों को फंसाने वाले कई गिरोह का मार्केट रेगुलेटर SEBI ने भांडा फोड़ा है और बीते कुछ समय से रेगुलेटर की ओर से कई सख्त कदम उठाए गए है. SEBI का मानना है कि News वही है जो कंपनी confirm करे. इसीलिए SEBI ने हाल में फैसला लिया है कि देश की टॉप 100 कंपनियों को उनसे जुड़ी किसी भी अफवाह के बारे में 24 घंटे के अंदर सफाई देनी होगी.
पुख्ता जानकारी के क्या हैं स्रोत? 1. स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE, NSE की वेबसाइट 2. कंपनी की खुद की वेबसाइट 3. कंपनी के मैनेजमेंट के साथ हुई निवेशकों की बातचीत 4. कंपनी का बही खाता, सालाना रिपोर्ट आदि
क्या हो रणनीति? अगर कोई भी शेयर मूव कर रहा है तो ये जानने की कोशिश करें कि आखिर उस कंपनी में हो क्या रहा है, क्या चल रहा है उस कंपनी में? केवल अफवाहों के दम पर शेयर बाजार में अपने निवेश की रणनीति न बनाएं, बल्कि ठोस या पुख्ता जानकारी के आधार पर ही किसी शेयर में पैसा लगाएं. अगर फिर भी किसी तरह का कोई confusion हो तो अपने निवेश सलाहकार से राय जरूर लें. कही सुनी बातों पर अपनी मेहनत की कमाई को बाजार में उड़ेल देंगे तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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