महंगाई, वैश्विक चुनौतियों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद ऑटो इंडेक्स ने इस साल 25 फीसदी का रिटर्न दिया है. वो भी तब जब एक तरफ ब्याज दरें और पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी ऊंची हैं. दूसरी ओर कच्चे माल की ऊंची कीमतों को pass-on करने के लिए ऑटो कंपनियां कीमतें बढ़ा रही हैं. ऐसे में क्या ऑटो शेयरों में रफ्तार जारी रहेगी? अगर हां, तो कौनसे शेयरों में निवेश करने का सही समय है? चलिए समझते हैं.
निफ्टी 2023 में अब तक 8 फीसदी चला है जबकि BSE ऑटो इंडेक्स 25 फीसदी के करीब. इस दौरान ऑटो इंडेक्स के ज्यादातर शेयरों का प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा. Maruti और Tata Motors इस साल 21 से 60 फीसदी तक चल चुके हैं.
टू-व्हीलर कंपनियों में Bajaj Auto और TVS Motor 40 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दे चुके हैं. हालांकि Hero MotoCorp में कुछ निजी दिक्कतों के चलते 10% से कम रिटर्न मिला है. और Hero Moto जैसा ही हाल Motherson, MRF, Balkrishna Ind, Apollo Tyres और Uno Minda जैसी ऑटो इंडेक्स में मौजूद ऑटो ऐंसिलरी कंपनियों का है जिन्होंने इंडेक्स से कम रिटर्न दिए हैं.
उलझन इस बात को लेकर है कि एक तरफ ऑटो लोन लेना महंगा है, दूसरा पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी ऊंची हैं और तीसरा टाटा मोटर्स, Maruti, SML Isuzu, Honda Cars, Hero Moto जैसी कंपनियों ने कीमतें बढ़ाई हैं. पहले 1 अप्रैल से BS-VI एमिशन नियमों से जुड़े फेज-2 का पालन करने के लिए और फिर जुलाई में कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी को pass on करने के लिए लेकिन इन सब के बावजूद ऑटो बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है. देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति ने सितंबर में रिकॉर्ड 1.81 लाख गाड़ियां बेची हैं. और FY24 की पहली छमाही में कंपनी की बिक्री का आंकड़ा 10 लाख के पार निकल गया.
गौर करने वाली बात ये है कि देश में जितनी गाड़ियां बिक रही हैं उनमें SUV गाड़ियों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है और 5 साल में SUV गाड़ियों का मार्केट शेयर 2 गुना हो गया है. सितंबर में रिकॉर्ड 3.63 लाख से ज्यादा पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री में 52 फीसदी हिस्सा SUVs का था. जो सितंबर 2022 में 43.6 फीसदी था. पर इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि एंट्री लेवल की गाड़ियों की मांग में लगातार गिरावट देखी जा रही है. FY24 की पहली छमाही में hatchback गाड़ियों का हिस्सा घटकर 30% था जो पिछले साल की समान अवधि में 35.1% था. यानी सस्ती या छोटी गाड़ियों की बिक्री घट रही है और प्रीमियम यानी महंगी गाड़ियों की बढ़ रही है.
प्रीमियम सेगमेंट में Compact SUV गाड़ियों में ज्यादातर मार्केट शेयर (GFX 6) Hyundai, M&M, Maruti और KIA के कब्जे में है. वहीं 15,000 से ज्यादा यूनिट्स की बिक्री के साथ Tata Nexon सितंबर में leading subcompact SUV रही है और overall बिक्री के हिसाब से भी टॉप 5 SUVs की लिस्ट में Tata Nexon सबसे ऊपर नजर आई. सितंबर महीने में सबसे ज्यादा बिकने वाली टॉप 10 गाड़ियों की लिस्ट में Maruti की 6 गाड़ियां शामिल हैं. क्योंकि कंपनी ने SUVs पर फोकस बढ़ाया है. infact पूरी इंडस्ट्री का फोकस बदलकर SUVs, प्रीमियम बाइक और कारों की ओर जा रहा है. कुल मिलाकर देखें तो कंपनियों का mass पर नहीं बल्कि class पर फोकस बढ़ रहा है.
अब सवाल ये है कि त्योहारी सीजन का फायदा लेने के लिए क्या ऑटो शेयर खरीदें.? William O’ Neil के HoR, Mayuresh Joshi के मुताबिक, ” ऑटो कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत है जिससे 3-4 तिमाही के नतीजे मजबूत रहने की उम्मीद है. अगले 3-4 में EVs की तरफ transition के लिए इंडस्ट्री तैयार है और ज्यादातर क्षमता विस्तार खर्च भी हो चुका है. लंबी अवधि के नजरिए से M&M, Maruti, Tata Motors, TVS Motor, Bajaj Auto, Ashok Leyland, Uno Minda, Minda Ind के अलावा बैटरी कंपनियां पसंद हैं क्योंकि 3-4 में पूरे सेक्टर के मुनाफे में 14-15% CAGR ग्रोथ की उम्मीद है.
तो इस त्योहारी सीजन भले ही गाड़ी खरीदें या न खरीदें. पर ऑटो शेयरों में जरूर खरीदारी करनी चाहिए बशर्ते आपका नजरिया 3-4 साल का हो.
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