कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने 2 साल पहले जिन 7 कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाई हुई है उनपर लगी रोक एक साल के लिए और बढ़ा दी गई है. शुक्रवार को सेबी ने रोक बढ़ाए जाने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. दिसंबर 2021 में सेबी ने गैर बासमती धान, गेहूं, चना, सरसों और इसके डेरीवेटिव्स, सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव्स, क्रूड पाम तेल और मूंग के वायदा कारोबार पर एक साल के लिए रोक लगाई थी. इसके बाद पिछले साल इस रोक को इस साल दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था और अब यह रोक दिसंबर 20, 2024 तक लागू रहेगी.
जिन 7 कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई है उन्हें महंगाई के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है. 2 साल पहले महंगाई को देखते हुए ही इनके वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई थी. सरकार के लिए खाद्य महंगाई अभी भी चुनौती बनी हुई है, अनाज की महंगाई दहाई के आंकड़े में है. साथ में दालें भी महंगी होना शुरू हो गई हैं. ऐसे में इन कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाए रखने के लिए सेबी पर सरकार की तरफ से भी दबाव था और इसी दबाव की वजह से सेबी ने इनपर लगी रोक को एक साल के लिए बढ़ाया है. 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव के दौरान महंगाई बड़ा मुद्दा बन सकता है, इस वजह से सरकार भी नहीं चाहती है कि रेग्युलेटर कोई ऐसा कदम उठाए जिस वजह से महंगाई में और बढ़ोतरी हो.
देश में कमोडिटीज के वायदा कारोबार को लंबे समय से महंगाई के लिए जिम्मेदार माना जाता है, पहले भी जब महंगाई बढ़ी है तो कई कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई है. हालांकि वायदा कारोबार का संचालन करने वाले कमोडिटी एक्सचेंज मानते हैं कि महंगाई बढ़ाने में वायदा कारोबार का योगदान नहीं है. कमोडिटी एक्सचेंज कई बार सरकार से उन कमोडिटीज के वायदा कारोबार को फिर से शुरू करने की मांग कर चुके हैं जिनपर रोक लगी हुई है.
Published - October 27, 2023, 07:45 IST
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