कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने शनिवार को अपनी बोर्ड बैठक में शेयर ट्रेड सेटलमेंट के लिए T+0 को लागू करने की मंजूरी दी है. यह व्यवस्था मार्च 2024 से लागू हो जाएगी. इस व्यवस्था के तहत जब भी कोई ट्रेडर अपना सौदा काटेगा तो पैसा उसके खाते में उसी दिन ट्रांस्फर हो जाएगा. मौजूदा व्यवस्था के तहत शेयर ट्रेड का सौदा सेटल करने के बाद खाते में पैसा आने में कम से कम एक दिन लगता है. शनिवार को SEBI की बोर्ड बैठक में यह भी तय हुआ है कि T+0 व्यवस्था लागू होने के एक साल बाद Instantaneous व्यवस्था को लागू किया जाएगा. यानी एक तरफ सौदा कटेगा और दूसरी तरफ पैसा खाते में ट्रांस्फर हो जाएगा.
पहले इस तरह की खबरें थी कि SEBI की बोर्ड बैठक में कंपनियों के लिए डीलिस्टिंग नियमों में बदलाव का फैसला किया जाएगा, लेकिन शनिवार को हुई बैठक के दौरान डीलिस्टिंग नियमों में बदलाव पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है. SEBI की तरफ से कहा गया है की पिछले 5 वर्षों के दौरान बहुत कम कंपनियों की डीलिस्टिंग हुई है, ऐसे में डीलिस्टिंग के नियमों में बदलाव को लेकर SEBI के पास पर्याप्त आंकड़े नहीं है, पर्याप्त आंकड़े होने के बाद ही डीलिस्टिंग से जुड़े नियमों में बदलाव का फैसला लिया जाएगा.
SEBI ने शनिवार को इंडेक्स प्रोवाइडर्स के लिए एक रेग्युलेशन ढांचा पेश करने को मंजूरी दी. इसके साथ ही सामाजिक शेयर बाजारों के जरिए धन जुटाने में गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) को लचीलापन देने का फैसला भी किया गया. SEBI के बोर्ड ने यहां आयोजित बैठक के दौरान ये फैसले किए. इसके अलावा वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) में पैसा लगाने वाले निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मानदंडों में संशोधन किया जाएगा. छोटे और मध्यम रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (SM-REIT) की सुविधा के लिए एक नया नियामक ढांचा भी स्थापित किया जाएगा.
सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने SM-REIT के बारे में कहा कि इसका मकसद बाजार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने में मदद करना है, ताकि अधिक संख्या में खुदरा निवेशकों को REIT इकाइयों में आंशिक स्वामित्व मिल सके. बुच ने बोर्ड बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि SEBI ऐसे और उत्पाद बनाने पर विचार करने को तैयार है.