महंगाई के मोर्चे पर कुछ राहत मिली है. अप्रैल के दौरान देश में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) 18 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. सांख्यिकी मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल के दौरान देश में रिटेल महंगाई दर 4.7 फीसद दर्ज की गई है जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम मासिक स्तर है. इससे पहले मार्च के दौरान देश में रिटेल महंगाई दर 5.66 फीसद दर्ज की गई थी.
अप्रैल के दौरान देश में खाने के तेल के साथ सब्जियों और मीट की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इनके अलावा फल और चीनी की कीमतें भी कम रही हैं, साथ में ट्रांसपोर्ट और मनोरंजन पर खर्च ज्यादा नहीं बढ़ा. इन सभी का असर अप्रैल के रिटेल महंगाई आंकड़ों पर दिखा है. हालांकि अनाज, दूध, मसाले, तैयार स्नैक्स और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की महंगाई अभी भी आसमान पर है. अप्रैल के दौरान अनाज की रिटेल महंगाई 13.67 फीसद दर्ज की गई है.
राज्यवार महंगाई के आंकड़े देखें तो अप्रैल के दौरान सबसे कम महंगाई छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, असम और हिमाचल प्रदेश में दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ में तो महंगाई दर सिर्फ 0.54 फीसद रही. हालांकि दूसरी तरफ तेलंगाना और उत्तराखंड ऐसे राज्य रहे, जहां पर अप्रैल के दौरान महंगाई दर 6 फीसद के ऊपर दर्ज की गई.
RBI पर घटेगा दबाव
अप्रैल के दौरान महंगाई में आई कमी से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर भविष्य में ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव कम होगा, रिजर्व बैंक ने अपनी पिछली पॉलिसी में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है. ऐसी संभावना है कि अगली पॉलिसी में भी दरें नहीं बढ़ेंगी. हालांकि लंबी अवधि में मानसून की स्थिति और खरीफ फसलों का उत्पादन, महंगाई कि दिशा को तय करेंगे, और उसी के आधार पर रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों पर फैसला लेगा.