इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों की क़ीमत गुरुवार से बढ़ गई हैं. दरअसल सरकार ने दोपहिया ईवी (Electric vehicles) पर दी जाने वाली सब्सिडी घटा दी है जो 1 जून से लागू हो गई है. अब 10,000 प्रति किलोवॉट ऑवर के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी जो पहले 15,000 रुपए प्रति किलोवॉट ऑवर (kWh) के हिसाब से मिला करती थी. साथ ही दोपहिया ईवी पर दिए जाने वाले इन्सेंटिव की सीमा भी घटाकर वाहनों के एक्स-फैक्ट्री प्राइस का 15% कर दी गई जो पहले 40% थी. सरकार के इस कदम से प्रीमियम दोपहिया ईवी की कीमत 20,000 रुपए से लेकर 35,000 रुपए तक बढ़ गई. दरअसल, सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर उद्योग को दी जाने वाली वित्तीय प्रोत्साहन में बदलाव कर रही है और सब्सिडी में कटौती उसकी इसी नीति का हिस्सा है. भारी उद्योग मंत्रालय ने 21 मई को यह घोषणा की थी.
किन कंपनियों ने बढ़ा दिए दाम ओला इलेक्ट्रिक ने सभी स्कूटरों के लिए अपनी कीमत में 15,000 रुपए की बढ़ोतरी की है. ओला इलेक्ट्रिक ई-टू-व्हीलर बाजार में 28 फ़ीसदी की हिस्सेदारी रखती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब ओला के एस1 प्रो की कीमत 1,25,000 रुपए से बढ़कर 1,40,000 रुपए हो गई है, वहीं एस1 की कीमत 1,15,000 रुपए से बढ़कर 1,30,000 रुपए हो गई है. इलेक्ट्रिक बाइक निर्माता मैटर ने 30,000 रुपए अपने ईवी दो पहिया पर बढ़ा दिए हैं जबकि TVS iQube की कीमतें 14 फ़ीसदी बढ़कर 17,000 रुपए प्रति यूनिट तक महंगी हो सकती हैं. हालांकि हीरो इलेक्ट्रिक ने अभी कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की है.
क्यों घटाई गई सब्सिडी? सरकार की फेम-2 (FAME-II) योजना के तहत दोपहिया ईवी के लिए आवंटित की गई 2,000 करोड़ रुपए की राशि का लगभग इस्तेमाल कर लिया गया है. सब्सिडी के रूप में मिलने वाली मदद पूरी तरह खत्म ना हो, अचानक से खत्म ना हो और उद्योग पर इसका बुरा असर ना हो, इसके लिए मंत्रालय ने फेम-2 योजना के तहत तिपहिया और चार-पहिया इलेक्ट्रिन वाहनों के लिए आवंटित बिना इस्तेमाल हुए फंड में से अतिरिक्त 1,500 करोड़ रुपए दोपहिया ईवी के लिए देने का फैसला किया है. सरकार का मानना है कि आखिरकार उद्योग को अपने पैरों पर खड़ा होना होगा और इसलिए वह सब्सिडी घटा रही है, नीति में बदलाव ला रही है और अपना वित्तीय बोझ कम कर रही है.
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