मसालों की महंगाई लंबे समय से रिटेल महंगाई को बढ़ा रही है. जीरा पहले से महंगा था. फिर हल्दी और काली मिर्च की कीमतें बढ़ीं और इस लिस्ट में अब इलायची भी जुड़ गई है. केरल में बरसात की कमी से इलायची का उत्पादन घटने की आशंका है जिस वजह से बीते एक महीने के दौरान इलायची की कीमतों में करीब 44 फीसद का उछाल आया है. एक महीना पहले कोच्ची में हुई नीलामी के दौरान इलायची का औसत भाव 1,309 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया था और गुरुवार की नीलामी में औसत भाव 1,887 रुपए दर्ज किया गया है.
कोविड के बाद 1,000 रुपए के नीचे लुढ़क गया था भाव
बता दें कि कोविड महामारी के बाद इलायची का भाव 1,000 रुपए के नीचे लुढ़क गया था. उत्पादन लागत बढ़ने और भाव घटने की वजह से किसानों ने उस दौरान इलायची की फसल से मुंह मोड़ लिया था. गौरतलब है कि अगस्त 2019 में इलायची का भाव रिकॉर्ड 7,000 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया था. बता दें कि आमतौर पर फूलों को परिपक्व होने में 90 दिन का समय लगता है, लेकिन इस मौसम में कम बारिश की वजह से पौधों की सेटिंग प्रभावित हुई है और इसके परिणामस्वरूप इलायची की तुड़ाई में देरी हुई है. फसल की तुड़ाई का पहला दौर जुलाई के आखिर तक खत्म हो गया था और अगला दौर अनुकूल मौसम पर निर्भर करेगा. अगर इस अवधि में बारिश में कमी रहती है तो फसल कम आएगी और जिससे भाव बढ़कर 3,000 रुपए के स्तर तक पहुंच सकता है. वहीं अगर अगस्त और सितंबर में बारिश अच्छी मात्रा में हो जाती है तो भाव 2,000-2,300 रुपए के स्तर पर स्थिर रहना चाहिए. किसानों का कहना है कि अलनीनो के मजबूत होने की वजह से दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 के दौरान फसल में और कमी आ सकती है जिससे कीमतों में बढ़ोतरी होने के आसार हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक इलायची के प्रमुख उत्पादक इलाकों में जून में सामान्य औसत के मुकाबले 70 फीसद, जुलाई में 25 फीसद और अगस्त में अभी करीब 40 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है. गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून का समय फूल आने का प्रमुख महीना है. ऐसे में चालू सीजन में कुल फसल में न्यूनतम 25-30 फीसद की गिरावट की आशंका है.
65 फीसद घट गया इलायची का एक्सपोर्ट
स्पाइस बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में अप्रैल-मई के दौरान 739 टन इलायची का एक्सपोर्ट हुआ था, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 65 फीसद कम है. पिछले साल अप्रैल-मई के दौरान 2,100 टन इलायची का एक्सपोर्ट किया गया था.