सुरेखा सुबह से उखड़ी-उखड़ी है. किसी काम में मन नहीं लग रहा. मन बदलने हाट बाजार की ओर बढ़ी तो चबूतरे पर बैठी बुआ ने लपक लिया. फिर क्या हुआ?
कर्ज महंगा होने से तमाम तरह की कर्जों की ईएमआई का बोझ बढ़ गया है. इससे लोगों की वित्तीय योजनाएं कैसे प्रभावित हो रही हैं, देखिए इस खास शो में-
अखबार पढ़ते हुए बुआ बड़बड़ा रही हैं कि महंगाई में गरीब कहां जाए. कैसे जिए. फूफा पकौड़े तल रहे हैं. आगे क्या हुआ जानने के लिए देखिए मनी कॉमिक -
बंबई स्टॉक एक्सचेंज के गलियारों में अधीर और सुधीर की दोस्ती के किस्से तैर रहे हैं. दोनों कभी कभी कॉफी कैफे में भी साथ पाए जाते हैं.
गुप्ता जी की परेशानी गुल्लू और रामू से देखी नहीं गई. वजह पूछी तो जवाब सुनकर दोनों चौंक गए. आप भी देखें मनी9 का ये स्पेशल कॉमिक वीडियो-
गुप्ता और गुल्लू स्कूटर से जब रामू की दुकान पर पहुंचे तो रामू गायब था. दुकान बंद थी. कहां गया था रामू? उसे आज किस पर गुस्सा आ रहा था?
इस बार सुरेखा के गांव मौसा लेकर पहुंचे निवेश की एक नई स्कीम. लेकिन तीर जैसे बुआ के तीखे तर्कों के आगे नहीं गली मौसा की दाल.
गुप्ता जी ने गुल्लू को मिलवाया बसंत भाई से ताकि गुल्लू एक हेल्थ पॉलिसी खरीद ले, लेकिन गुल्लू के तर्कों के सामने बसंत भाई हार ही गए.
वह कागज देखकर गुप्ता जी का कलेजा हलक को आ गया. हाथ से पानी का गिलास छूट गया. लेकिन उस कागज में ऐसा क्या लिखा था?
आज बुआ का मूड उखड़ा है. मौसा रामप्रकाश की खैर नहीं. हां वही मौसा रामप्रकाश जो LIC के एजेंट हैं. आप सोच रहे होंगे कि मसला क्या है? चलिए जानते हैं.