लंबे वक्त तक स्टॉक मार्केट में निवेश (Stock Market) करके निवेशक अपनी तकदीर बना सकते हैं और जबरदस्त रिटर्न भी हासिल कर सकते हैं. बस जरूरत है तो आपको अच्छे लक और स्टॉक को पहचानने की जरूरत है. दूसरे विश्व युद्ध और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पेंट पर लगे अस्थाई बैन ने चंपकलाल एच चोकसे और उनके दोस्तों चिमनलाल एन चोकसी, सूर्यकांत सी दानी और अरविंद आर वकील को एक आइडिया दिया कि क्यों ने भारत में ही पेंट बनाने की फैक्ट्री डाली जाए.
कैसे पड़ी एशियन पेंट्स की नींव?
इस तरह से 1945 में एशियन पेंट्स (asian paints) की नींव पड़ी. आज कंपनी का 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट कैपिटलाइजेशन है. पेंट सेक्टर की यह दिग्गज कंपनी दलाल स्ट्रीट पर सबसे तेजी से पूंजी बनाने वाली कंपनियों में गिनी जाती है.
20 साल में 14000% का रिटर्न
17 मार्च को Stock Market बंद होने पर एशियन पेंट्स (Asian Paints) का शेयर 2,422 रुपये पर पहुंच चुका है. 2001 में इसी दिन शेयर महज 16 रुपए का था. तब से अब तक इसमें 14,000 फीसदी का रिटर्न देखने को मिला है. इसके शेयर की कीमत में ग्रोथ से साबित होता है कि जिस शख्स ने तब कंपनी में 10,000 रुपए लगाए होंगे आज उसकी वैल्यू 14 लाख रुपए से ज्यादा हो गई होगी. इस लिहाज से इसने निवेशकों को जबरदस्त Return दिया है.
पिछले एक साल में 40 फीसदी का उछाल
कच्चे माल की कीमतों में तेज इजाफे, खास तौर पर क्रूड ऑयल और इसके डेरिवेटिव्स की बढ़ती कीमतों के चलते 2021 की शुरुआत से ही यह शेयर बेंचमार्क इंडेक्स के मुकाबले हल्का प्रदर्शन कर रहा है.एशियन पेंट्स ने इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक करीब 15 फीसदी का नुकसान झेला है. जबकि इसी दौरान बीएसई सेंसेक्स 5.50 फीसदी चढ़ा है. 17 मार्च तक कंपनी के शेयर पिछले एक साल में करीब 40 फीसदी उछले हैं, जबकि इसी दौरान सेंसेक्स 63 फीसदी चढ़ा है. हालांकि, मार्केट के जानकार इस कंपनी को लेकर अभी भी बुलिश हैं.
हर साल नए धंधे में उतर रही है कंपनी
कंपनी की डायवर्सिफिकेशन की रणनीति को जानकार अच्छा बता रहे हैं. किचेन, एधेसिव, होम डेकोर समेत दूसरे एरियाज में कंपनी ने पैर पसारे हैं. इसके अलावा कंपनी डिजाइनर टाइल्स में भी दाखिल हुई है. पिछले सात वर्षों से हर साल कंपनी कम से कम एक नए धंधे में उतर रही है.
ICICI सिक्योरिटीज ने दी ऐड की रेटिंग
ICICI सिक्योरिटीज ने 2,600 के टारगेट प्राइस के साथ एशियन पेंट्स (asian paints) को ‘ऐड’ रेटिंग दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी ने डिजाइनर टाइल्स पेश किए हैं जो कि प्रति घर करीब 30,000 रुपए के अतिरिक्त रेवेन्यू का मौका पैदा कर रहे हैं. एशियन पेंट्स अपने मौजूदा ब्रैंड्स और रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ रिश्तों का भी फायदा उठा सकती है. साथ ही, पेंट्स के साथ मैचिंग वाले टाइल्स देकर वह ग्राहकों को ज्यादा अच्छी वैल्यू ऑफर कर रही है.
एडेलवाइज ने बढ़ाया टारगेट
ओवरऑल कंपनी ने गुजरे 15 वर्षों में रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट में डबल-डिजिल सालाना ग्रोथ दर्ज की है. एशियन पेंट्स की ग्रॉस सेल्स 2019-20 में 20,211 करोड़ रुपए रही है जो कि 2004-05 में महज 2,560 करोड़ रुपए थी. इससे सालाना 15 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ दिखाई देती है. इसी तरह से कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट भी इसी अवधि में 181.75 करोड़ रुपए से 20 फीसदी सालाना बढ़कर 2,728.40 करोड़ रुपए हो गया है. एडेलवाइज ने भी इसके लिए 3,140 रुपए के टारगेट प्राइस के साथ बाय रेटिंग दी है.
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