वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को करीब 1,940 अंक लुढ़क गया. यह 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट है. एनएसई निफ्टी भी 568 अंक से अधिक का गोता लगाकर 15,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया. वैश्विक स्तर पर बांड बाजार में तेजी के बीच चौतरफा बिकवाली से यह गिरावट आयी.
इसके अलावा निवेशक तीसरी तिमाही के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के आंकड़े आने से पहले सतर्क दिखे। साथ ही उनकी अमेरिका और सीरिया के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव पर भी नजर है.
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,939.32 अंक यानी 3.80 प्रतिशत लुढ़क कर 49,099.99 अंक पर बंद हुआ. पिछले साल चार मई के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है. इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 568.20 अंक यानी 3.76 प्रतिशत का गोता लगाकर 14,529.15 अंक पर बंद हुआ. पिछले साल 23 मई के बाद किसी एक दिन में एनएसई में यह सबसे बड़ी गिरावट है.
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे। आठ शेयरों में 5 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ. सेक्टोरेल इंडेक्स में बैंक सूचकांक में 4.8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी। वित्तीय और दूरसंचार सूचकांकों में भी क्रमश: 4.9 प्रतिशत और 3.85 प्रतिशत की गिरावट आई.
मोतीलाल ओसवाल के इक्विटी रणनीति, ब्रेकिंग और वितरण मामलों के प्रमुख हेमांग जानी ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर बांड पर रिटर्न में तेजी से इक्विटी बाजार नीचे आया. वैश्विक बांड बाजार में निवेश पर प्रतिफल की दर में तेज उछाल के चलते शेयर बाजारों में निवेशकों में घबराहट दिखी.’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बांड प्रतिफल में तीव्र वृद्धि से उत्पन्न वैश्विक उथल पुथल का असर घरेलू बाजार पर पड़ा और इसमें गिरावट आयी. अमेरिका और सीरिया के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से भी बाजार पर असर पड़ा. इसके अलावा आज (शुक्रवार) जारी होनेवाले जीडीपी आंकड़े से पहले निवेशक थोड़े सतर्क दिखे.’’ एशिया के अन्य बाजारों में भी भारी गिरावट रही.
भारतीय समय के अनुसार दोपहर बाद खुले यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी में ट्रेजरी बिलों (अल्पकालिक सरकारी प्रतिभूतियों) पर रिटर्न में तीव्र वृद्धि के बाद वाल स्ट्रीट में मुख्य शेयर सूचकांकों में भारी गिरावट आयी. इसका दुनिया के ज्यादातर बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65.34 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. विदेशी विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 104 पैसे लुढ़क कर 73.47 पर बंद हुआ.
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