पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजारों में नई ऊंचाई पर पहुंचने के साथ, कई म्यूचुअल फंड निवेशकों ने अपनी यूनिट्स को बेचकर मुनाफे को बुक करने के लिए चुना है. 2.16 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रबंधन करने वाले कोटक म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह (Nilesh Shah) का मानना है कि इक्विटी निवेश एक बॉक्सिंग मैच की तरह है, क्योंकि निवेशक सिर्फ पंच नहीं कर सकते हैं, बल्कि कुछ पंच खाने में भी सक्षम होना चाहिए. जॉयदीप घोष से बातचीत में उन्होंने बताया कि फंड हाउस इंडस्ट्रियल और होम इंप्रूवमेंट सेगमेंट पर बुलिश है.
सवाल- सेंसेक्स 52,000 प्वाइंट से ज्यादा चढ़ चुका है, क्या निवेशकों के लिए बाजार में एंट्री करने का अच्छा समय है या उन्हें करेक्शन का इंतजार करना चाहिए?
Nilesh Shah- करेक्शन का इंतजार कर रहे ज्यादातर लोगों ने वास्तव में जब सुधार हुआ है तो (आकस्मिक लाभ के चक्कर) पैसे खो दिए. एक कहावत है कि जब आपके पास पैसा होता है, तो यह निवेश करने का सबसे अच्छा समय होता है. जब आपके पास फाइनेंशियल प्लान और पैसा हो, तो निवेश करने का सही समय है. निवेशकों के लिए सूचकांक का स्तर कुछ मायने नहीं रखता है/या मायने नहीं रखना चाहिए. इंडेक्स वैल्यूएशन में क्या मायने रखता है.
सवाल- इस बाजार में संभावित निवेशक को कौन सा मार्ग लेना चाहिए? Lump sum और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान Nilesh Shah- अगर आपके पास कुंभकर्ण (लंबी अवधि के लिए निवेशक) होने की क्षमता है, तो लंपसम एक अच्छा विकल्प हो सकता है. ऐसे ही जब बाजार काफी सस्ता हो जैसे मार्च से अगस्त 2020 के बीच था, ऐसे में भी निवेशकों को लंपसम निवेश की तरफ जाना चाहिए. बाजार में अभी के मौजूदा भाव पर निवेशक को सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेश करना चाहिए. कोटल म्यूचुअल फंड में हमने दो तरह बनाए हैं- लंपसम इन्वेस्टमेंट के लिए कोटक बैलेंस एडवांटेज फंड और कोटक एसेट एलोकेटर फंड. इन फंड्स में हम मार्केट वैल्यूएशंस के लिहाज से डेट और इक्विटी में एसेट एलोकेशन करते हैं. निवेशक इनका इस्तेमाल एक लंपसम अमाउंट निवेश करने के लिए कर सकते हैं.
सवाल- क्या आपको लगता है कि सेंसेक्स में रैली कुछ और समय तक जारी रहेगी या कंडोलिडेशन देखने को मिल सकता है? Nilesh Shah- शेयर बाजार को लेकर कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता, कम से कम शॉर्ट में तो नहीं. क्योंकि, भारत या विदेश में ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, जो सीधे तौर पर बाजार को प्रभावित कर सकती हैं. इक्विटी में निवेश एक तरह का बॉक्सिंग मैच है. जब आप रिंग में उतरते हैं तो सिर्फ पंच मारते नहीं हैं, बल्कि आपके पास पंच खाने की भी क्षमता होनी चाहिए. इसलिए, अगर आप उतार-चढ़ाव का सामना नहीं कर सकते तो आपको इस रिंग में प्रवेश नहीं करना चाहिए. और बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादातर देखने को मिलता है. बाजार कॉर्पोरेट मुनाफे के अनुरूप चलेंगे. हमारा अनुमान है कि मध्यम या लंबी अवधि में कॉर्पोरेट मुनाफा बढ़ेगा. और इसलिए, बाजारों के कॉर्पोरेट प्रदर्शन के अनुरूप बढ़ने की उम्मीद है.
सवाल- पिछले कुछ महीनों में घरेलू म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स प्रॉफिट बुक कर रहे हैं, क्या वे सही रणनीति का पालन कर रहे हैं? Nilesh Shah- निवेशक इसलिए प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने 2020 की पहली छमाही में निचले स्तर पर निवेश किया था. कुछ निवेशक रियल एस्टेट जैसे दूसरी एसेट्स में भी अपने पैसे को लगा रहे हैं. जब तक निवेशक अपने फाइनेंशियल प्लान को फोलो कर रहे हैं, तब तक वह सही रणनीति अपना रहे हैं.
सवाल- आपको क्या लगता है कौन से सेक्टर्स में आगे तेजी दिखा सकते हैं? Nilesh Shah- मौजूदा माहौल को देखते हुए हम रियलटी से जुड़े सेक्टर्स और इंडस्ट्रीयल्स पर बुलिश हैं.
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