कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगी बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रैली करेंगे.
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) ने बुधवार को बयान में कहा कि वह अपनी मांगों के समर्थन में सात दिसंबर को रामलीला मैदान में रैली करेगी. न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक करने समेत अन्य मांगों के समर्थन में इस रैली में देशभर के 50,000 पेंशनभोगी शामिल होंगे.
पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने समेत अन्य मांग कर रहे हैं. वर्तमान में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस)-95 के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये महीना है. बयान के अनुसार, इस रैली के बाद पेंशनभोगी आठ दिसंबर से जंतर-मंतर पर आमरण अनशन करेंगे.
समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘हम अपनी मांगों के समर्थन में सात दिसंबर को रामलीला मैदान में रैली करेंगे। यह हमारा अंतिम चेतावनी है. अगर हमारी मांगे नहीं मांगी गईं, तो हम आमरण अनशन करेंगे…’ बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के किसी निर्णय पर पहुंचने तक अध्यक्ष राउत, महासचिव वीरेन्द्र सिंह रजावत और मुख्य सलाहकार पीएन पाटिल अनशन में शामिल होंगे.
उल्लेखनीय है कि ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.
राउत का दावा है, ‘तीस – तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में इतनी कम राशि मिल रही है, जिससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर – बसर करना कठिन है.