अमित ने पिछले दिनों 49 लाख रुपए में एक फ्लैट का सौदा किया. सर्किल रेट के हिसाब से इस प्रॉपर्टी की वैल्यू 65 लाख रुपए थी. नियमों के तहत अगर सर्किल रेट के हिसाब से प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख या इससे ज्यादा है तो एक फीसद की दर से टीडीएस देना होगा. भले ही डील 50 लाख रुपए से कम में क्यों न हुई हो. टीडीएस स्टांप ड्यूटी वैल्यू (SDV) या डील में से जो भी ज्यादा हो, उस रकम पर काटा जाता है. लेकिन अमित ने यह मानकर की मकान की कीमत 50 लाख रुपए से कम है तो विक्रेता से टीडीएस की राशि काट कर जमा नहीं कराई. अब उन्हें इनकम टैक्स से नोटिस आया है. अब उन्हें यह रकम जुर्माने के साथ जमा करानी होगी जबकि विक्रेता को वह पहले ही पूरा भुगतान कर चुके हैं.
क्या है नियम? करीब एक साल पहले तक 50 लाख रुपए से ऊपर की डील पर ही टीडीएस काटा जाता था. लेकिन बजट 2022 के बाद से नियम बदल गए हैं. अब प्रॉपर्टी खरीदने वाले व्यक्ति को विक्रेता को पेमेंट करते वक्त एक फीसदी टीडीएस काटना होगा. अगर विक्रेता के पास पैन नहीं है तो 20 फीसद की दर से टीडीएस लागू होगा. प्रॉपर्टी मामलों के जानकार एडवोकेट सचिन सिसोदिया कहते हैं कि अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस मानदंडों में बदलाव से सरकार को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी. अब लोग टीडीएस बचाने के लिए डील में हेराफेरी नहीं कर पाएंगे. प्रॉपर्टी मार्केट में पारदर्शिता आएगी.
विक्रेता NRI है तो… अगर प्रॉपर्टी विक्रेता प्रवासी भारतीय यानी NRI है तो टीडीएस की दर ज्यादा होगी. अगर प्रॉपर्टी दो साल बाद बेची गई है तो लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में आएगी. इस पर 20 फीसद टैक्स लगेगा. साथ ही सरचार्ज और सेस भी लागू होगा. दो साल से पहले बेचने पर यह आय विक्रेता की सालाना आय में जुड़ेगी जिस पर स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा. सीए अंकित गुप्ता कहते हैं कि इसमें विक्रेता को इंडेक्शन का कोई लाभ नहीं मिलेगा. अगर एनआरआई से प्रॉपर्टी खरीदी है तो उसका टीडीएस समय रहते जमा करा दें. एनआरआई रजिस्ट्री कराने के बाद चला गया तो फिर उस तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.
कैसे जमा करें TDS? प्रॉपर्टी खरीदार को कुल कीमत की एक फीसद रकम इनकम टैक्स विभाग में जमा करानी होगी. इसके लिए फार्म- 26QB भरना होगा. यह रकम https://onlineservices.tin. nsdl.com/etaxnew/tdsnontds.jsp वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन जमा कराई जा सकती है. फार्म-26QB के जरिए यह पैसा बैंक में भी जमा कराया जा सकता है. अगर कोई समस्या आ रही है तो सीए के जरिए जमा करा सकते हैं. इसके बाद फॉर्म-16 विक्रेता को मुहैया कराना होगा. इसे www.tdscpc.gov.in वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. अगर विक्रेता का रिफंड बनता है तो वह ITR के जरिए क्लेम कर सकता है.
कब लगेगी पेनाल्टी? टीडीएस की रकम प्रॉपर्टी के भुगतान का महीना खत्म होने के बाद 30 दिन के अंदर जमा करानी होगी. उदाहरण के लिए 10 मई को भुगतान हुआ है तो यह रकम 30 जून तक जमा करना होगा है. अगर खरीदार ने टीडीएस नहीं काटा है 1% प्रतिमाह की दर से पेनाल्टी लगेगी. अगर टीडीएस काटा गया है लेकिन जमा नहीं किया है तो 1.5% पेनाल्टी लगेगी. इसमें आयकर विभाग एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा सकता है. अगर टीडीएस जमा करने के लिए फॉर्म 26QB नहीं भरा है तो 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरना होगा.
ऐसे में तमाम तरह के झंझटों से बचने के लिए प्रॉपर्टी खरीद की डील में अमित जैसी गलती कतई न करें. डील करते समय विक्रेता से टीडीएस जमा कराने के बारे में स्पष्ट रूप से बात कर लें. इस काम को समय रहते निपटा लें. एनआरआई से प्रॉपर्टी खरीदी है तो ज्यादा सतर्क रहें.
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