रियल एस्टेट सेक्टर में इन दिनों काफी तेजी देखने को मिल रही है. इसी के चलते देश के प्रमुख आठ शहरों में घरों की औसत कीमत में इजाफा देखने को मिला है. कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया CREDAI की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 की पहली तिमाही में घरों की औसत कीमतों में साल दर साल 10 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है.
क्रेडाई नेशनल के अध्यक्ष बोमन ईरानी का कहना है कि मजबूत आवास मांग के चलते घरों की कीमतें बढ़ी हैं. खासतौर पर प्रीमियम और लक्जरी घरों की मांग सबसे ज्यादा है. देश भर में इनकर जमकर खरीदी की जा रही है. आसानी से लोन मिलने और दूसरी सुविधाओं के चलते रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में मांग और आपूर्ति की गतिशीलता को बदल दिया है.
इन शहरों में सबसे ज्यादा बढ़े दाम
क्रेडाई के मुताबिक आवासीय घरों की मांग काफी बढ़ी है. इससे घरों की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी बेंगलुरु, दिल्ली एनसीआर, अहमदाबाद और पुणे में हुई है. यहां औसत आवास की कीमतों में दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अलावा तिमाही आधार पर भी ज्यादातर शहरों में आवास की कीमतों में 2-7% की बढ़ोतरी देखने को मिली है. घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए बाजार काफी हद तक अनुकूल बना हुआ है. शीर्ष आठ शहरों में बेंगलुरु में सबसे ज्यादा 19% तक रेट बढ़ हैं. जबकि दिल्ली एनसीआर में आवास की कीमतों में 16% की वार्षिक वृद्धि हुई है.
बिना बिके घरों में भी इजाफा
वैसे तो देश में घरों की खूब डिमांड है, लेकिन कई ऐसी इन्वेंट्री भी हैं जो अभी तक बिकी हुई नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक बिना बिकी इन्वेंट्री में साल-दर-साल 3% की वृद्धि देखी गई है. 2024 की पहली तिमाही तक, शीर्ष आठ शहरों में बिना बिकी इन्वेंट्री 10 लाख यूनिट के करीब थी, जिसमें अकेले एमएमआर की हिस्सेदारी लगभग 40% थी. मजबूत मांग के कारण तिमाही आधार पर बिना बिकी इकाइयों में मामूली गिरावट आई है. पुणे में बिना बिके मकानों की संख्या में सबसे ज्यादा 10 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है.