कोरोना महामारी के बाद से भारत में लग्जरी घरों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. एनारॉक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में लक्जरी घरों की बिक्री बढ़ कर 21 फीसद हो गई है, जबकि पांच साल पहले यह 7 फीसद थी. वहीं सस्ते घरों की मांग में गिरावट दिख रही है. सस्ते घरों की मांग पांच साल पहले 37 फीसदी थी जो इस तिमाही घटकर 20 फीसद पर आ गई है.
प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म एनारॉक ने वर्ष 2024 की पहली तिमाही में देश के टॉप सात शहरों में बेची गई प्रॉपर्टी का आंकड़ा जारी किया है. एनारॉक की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में करीब 1.30 लाख घरों में 1.5 करोड़ से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की संख्या लगभग 27,070 थी. यानी कुल बिक्री में लगभग 21 फीसद लग्जरी घरों की बिक्री रही.
देश के टॉप 7 शहरों में 2024 की पहली तिमाही में लगभग 1.10 लाख नए घरों की पेशकश हुई जिसमें करीब 28,020 यूनिट्स लक्जरी थीं और केवल 19,980 सस्ते घर थे. वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 40 लाख से 1.5 करोड़ की कीमत वाली इकाइयों में बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, पुणे और हैदराबाद में मिड-रेंज और प्रीमियम सेगमेंट में सबसे अधिक बिक्री देखी गई.
कोरोना महामारी के पहले के हालत कुछ और थे. पांच साल पहले लग्जरी घरों की बिक्री का ये ट्रेंड नहीं था. 2019 की पहली तिमाही की बिक्री पर गौर करें तो सस्ते घर की डिमांड सबसे ज्यादा थी, जबकि मीडियम कीमत वाले घरों की डिमांड सस्ते से थोड़ी कम और लग्जरी घरों की डिमांड सबसे कम थी. 2019 में टॉप सात शहरों में बेची गई लगभग 78,525 इकाइयों में सस्ते घरों की बिक्री की हिस्सेदारी 37 फीसद थी जबकि लक्जरी घरों की हिस्सेदारी महज 4 फीसद थी. यानी ट्रेंड एकदम उल्टा हो गया है.
दिल्ली एनसीआर में पहली तिमाही में बेचे गए कुल 15,645 घरों में से 6,060 यूनिट्स या 39 फीसद घर लग्जरी थे और इनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये से अधिक थी. जबकि अगर पांच साल पहले की स्थिति देखें तो दिल्ली-एनसीआर में कुल 13,740 घरों की बिक्री हुई थी, जिसमें से 4 फीसद ही लग्जरी घर थे.
नाइट फ्रैंक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में चालू कैलेंडर वर्ष में 1 करोड़ रुपये के सेगमेंट में अब तक सबसे ज्यादा बिक्री हुई है. जनवरी- मार्च 2024 के बीच एनसीआर क्षेत्र में 10,558 इकाइयों के साथ लग्जरी घरों की कुल बिक्री का 68 फीसद रही.
घरों की बिक्री का यही ट्रेंड 2023 में भी देखने को मिला. 2023 में लग्जरी घरों की बिक्री में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दिल्ली एनसीआर में देखी गई. रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में यहां कुल 5,530 यूनिट्स बेचे गए जो 2022 में 1,860 यूनिट्स की तुलना में 197 फीसद ज्यादा हैं.
हफ्ते की शुरुआत में भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ लिमिटेड ने गुरुग्राम में अपने नए लक्जरी प्रोजेक्ट, डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट को बेचने का ऐलान किया. इसके बाद, लगभग 5590 करोड़ रुपये मूल्य का 795 अपार्टमेंट वाला यह प्रोजेक्ट केवल तीन दिनों के भीतर पूरी तरह बिक गया. डीएलएफ का लक्जरी प्रोजेक्ट गुरुग्राम में प्रिवाना साउथ, प्री-औपचारिक लॉन्च के साथ 72 घंटों में बिक गया. रियल एस्टेट प्रमुख ने 50 लाख रुपये की बुकिंग राशि मांगी थी और एक अपार्टमेंट की औसत कीमत 7 करोड़ रुपये थी. कुल बिक्री 7200 करोड़ की थी.
रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान एनआरआई खरीदारों से डीएलएफ की बिक्री 3400 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है. रिच और सुपर रिच इन्वेस्टमेंट के लिए भी इन घरों को खरीद रहे हैं. इसके अलावा, वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने भी लग्जरी घरों की मांग को बढ़ाया है. कोरोना मह्मारी के बाद रियल एस्टेट सेगमेंट में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. लोग अब बड़े और लग्जरी घरों को खरीदना चाह रहे हैं.
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, वर्ष 2024 की पहली तिमाही में मिड-रेंज और प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट में लगभग 76,555 इकाइयों की बिक्री हुई जो कुल बिक्री हिस्सेदारी लगभग 59 फीसद है जबकि इस दौरान लगभग 26,545 सस्ते घरों की बिक्री हुई, जो शीर्ष 7 शहरों में 20 फीसद की कुल बिक्री हिस्सेदारी है.
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