रियल एस्टेट क्षेत्र वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के राजस्व में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले क्षेत्रों में से एक रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने रियल एस्टेट से स्टाम्प शुल्क समेत विभिन्न तरीकों से लगभग दो लाख करोड़ रुपए जुटाए थे.
नारेडको नाइट-फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि यह पिछले वित्त वर्ष में देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अर्जित कुल राजस्व का 5.4 फीसद है.
रिपोर्ट के अनुसार, “रियल एस्टेट क्षेत्र राज्य सरकारों के राजस्व में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क और भूमि राजस्व से लगभग दो लाख करोड़ रुपए जुटाए गए थे.”
रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय नारेडको और संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया ने हाल ही में एक रिपोर्ट ‘इंडिया रियल एस्टेट: विजन 2047’ जारी की है.
रिपोर्ट कहती है कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र का आकार वर्ष 2047 तक 12 गुना से ज्यादा होकर 5,800 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जो पिछले साल 477 अरब डॉलर था. यह क्षेत्र 2047 में देश के कुल आर्थिक उत्पादन में 15 फीसद से अधिक का योगदान देगा, जो अभी 7.3 फीसद है.
भारत 2047 में अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएगा. उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 33-40 लाख करोड़ डॉलर हो जाने का अनुमान है.
रिपोर्ट के अनुसार, आवासीय रियल एस्टेट बाजार का आकार 2047 में बढ़कर 3,500 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जो पिछले साल 299 अरब डॉलर था. वहीं, कार्यालय रियल एस्टेट का बाजार 40 अरब डॉलर से बढ़कर 473 अरब डॉलर होने की संभावना है.