घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर है, अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स के लिए उम्मीद की किरण मिली है. अटके पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में जान डालने और खरीदारों को राहत देने के लिए HDFC कैपिटल एडवाइजर्स और सेरबरस कैपिटल मैनेजमेंट एक साथ आए हैं. दोनों ने मिलकर भारतीय रेजिडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने के लिए स्पेशल सिचुएशन प्लेटफॉर्म बनाने के लिए करार किया है. ये प्लेटफॉर्म अटके पड़े प्रोजेक्ट्स को खरीदकर उसे पूरा करने के लिए फंडिंग मुहैया कराएगा. अधूरे और अंडर-कंस्ट्रक्शन रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स (Stalled Projects) के लिए फिर से उम्मीद है.
प्लेटफॉर्म के जरिए अच्छे डेवलपर्स के साथ पार्टनरशिप की जाएगी ताकि जिन प्रोजेक्ट्स का कंस्ट्रक्शन चल रहा है उनके लिए पैसा जुटाया जा सके और काम में तेजी लाकर इन घरों को पूरा किया जा सके. मौजूदा परिस्थितियों में घर खरीदार प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले एडवांस पेमेंट के पक्ष में नहीं हैं जिससे इन प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग में दिक्कतें आ रही हैं.
HDFC लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख का कहना है कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की फंडिंग में आई सुस्ती और घर खरीदारों के प्रोजेक्ट को पूरा करने को लेकर डेवलपर्स पर से घटते विश्वास की वजह से जिन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है उनके लिए कैपिटल में कमी आई है. सेरबरस के साथ मिलकर बनाया ये प्लेटफॉर्म रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देगा ताकि अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स (Stalled Projects) दोबारा शुरू हो सकें और डेवलपर्स को कैपिटल मुहैया कराई जा सके.
तो वहीं सेरबरस के को-CEO फ्रैंक ब्रूने ने अपने साझा बयान में कहा है कि सेरबरस के पास एसेट खरीदने, ऑपरेटिंग और लेंडिंग प्लेटफॉर्म बनाने और स्ट्रक्चर्ड तरीके से कैपिटल मुहैया कराने का लंबा अनुभव है. HDFC कैपिटल के साथ मिलकर वे भारत के सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर्स में से एक – रियल एस्टेट – के अच्छे डेवलपर्स को साहारा देने की कोशिश करेंगे.
सरकार भी SWAMIH के जरिए रुके हुए प्रोजेक्ट्स (Stalled Projects) को रफ्तार देने की कोशिश में है. केंद्र ने नवंबर 2019 में 25,000 करोड़ रुपये के स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग स्कीम (SWAMIH) का ऐलान किया था जिसके जरिए रुके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा सके. स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2022 तक 17 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का पहला बैच बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है. इस स्कीम के जरिए 1 लाख हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पूरे करने के लिए 165 प्रोजेक्ट सैंक्शन किए गए हैं. इनमें से 55 को अंतिम मंजूरी भी मिल चुकी है जिससे 35,000 यूनिट बनने की उम्मीद है.
ये फंड सिर्फ RERA रजिस्टर्ड अधूरे प्रोजेक्ट्स (Stalled Projects) को ही पूरा करने के लिए फंडिंग देता है. इसके जरिए करीब 1500 अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मदद करने का लक्ष्य है. ये ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो नॉन-परफॉर्मिंग एसेट करार दिए गए हैं और इनपर इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया चल रही है.
फंड में कुल 14 निवेशक शामिल है जिसमें से 50 फीसदी फंड सरकार की ओर से है, LIC और SBI के पास भी इस फंड की 10-10 फीसदी होल्डिंग है.
देशभर में कुल 1,600 ऐसे अटके प्रोजेक्टस हैं जिनमें 4.5 लाख फ्लैट शामिल हैं. इसमें से मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में 41 फीसदी प्रोजेक्ट हैं जबकि NCR में 24 फीसदी प्रोजेक्ट हैं.
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