प्रॉपर्टी के लिए साल 2020 भले ही सुस्त रहा हो लेकिन साल 2021 में तेजी से घरों की बिक्री हो रही है. इसके पीछे होम लोन पर घटी हुईं ब्याज दरें वजह हों या फिर बिल्डर्स से मिल रहे डिस्काउंट, स्टैंप ड्यूटी में कटौती जैसी रियायतें, या फिर कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से बड़े घर की जरूरत का एहसास होना, लेकिन असर ये हुआ है कि बड़े शहरों में तेजी से इन्वेंट्री यानि बने बनाए घर (Ready To Move Flats) घट रहे हैं. मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है और यहां इन्वेंट्री में 8 फीसदी की कमी आई है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक (ANAROCK) ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है.
एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में साल 2021 की पहली तिमाही यानि जनवरी से लेकर मार्च के बीच सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है. इस साल की पहली तिमाही में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में कुल इन्वेंट्री 1,97,040 यूनिट रह गई है जबकि साल 2020 में जनवरी-मार्च के बीच ये 2,13,180 यूनिट थी, यानि साल दर साल बने बनाए घरों (Ready To Move Flats) की संख्या 8 फीसदी घट गई है. ये पिछले 7 साल की सबसे तेज गिरावट है. रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले इन्वेंट्री में अधिकतम 3 फीसदी की तेजी या गिरावट देखनो को मिली है.
Ready To Move Flats: बढ़ते कोविड-19 के मामलों के बावजूद इस इलाके में घरों की बिक्री तेज रही. जनवरी से मार्च के बीच अब तक मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 20,350 यूनिट की बिक्री हुई है जिसमें से 68 फीसदी (तकरीबन 13,750 यूनिट) की बिक्री मुंबई में, 18 फीसदी (करीब 3,650 यूनिट) की बिक्री नवी मुंबई में और 14 फीसदी यानि करीब 2950 यूनिट ठाणे में बिके हैं.
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (ANROCK) के चेयरमैन अनुज पुरी के मुताबिक, “मुंबई दुनिया के सबसे ज्यादा महंगे रियल एस्टेट मार्केट्स में से एक है. घर के एक्विजिशन के खर्च में कुल 5-15 फीसदी तक की गिरावट से घर खरीदारों का रुझान बदला है. कम ब्याज पर होम लोन, डेवलपर डिस्काउंट और सरकार की ओर से सही समय पर स्टैंप ड्यूटी में कटौती के साथ ही प्रीमियम चार्जेस में 50 फीसदी तक की कटौती से इस इलाके में कोविड-19 के दौर में भी बिक्री लौटी है.”
रिपोर्ट के मुताबिक पहली तिमाही में नए घर बनने यानि सप्लाई में तेजी के बावजूद जल्दी-जल्दी घरों की बिक्री हो रही है. मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 14,820 यूनिट जुड़े – जो टॉप 7 शहरों में सबसे ज्यादा रहे. इसके बावजूद साल 2021 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) और साल 2020 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) बने बनाए घरों की संख्या तेजी से घट रही है.
कोविड-19 की वजह से प्रॉपर्टी की बिक्री में सुस्ती आई थी और कीमतों में कमी आई थी. कोरोना काल में लोगों ने बड़े घर की जरूरत महसूस की. इसके बाद रियल एस्टेट में तेजी लाने के लिए राज्य सरकारें ने सीमित अवधि के लिए स्टैंप ड्यूटी में कटौती का ऐलान किया है. डेवलपर और बिल्डर भी सीमित अवधि के लिए ही डिस्काउंट दे रहे हैं. इसके साथ ही बैंकों की ओर से होम लोन पर ब्याज दरें भी सबसे निचले स्तर पर हैं. रिसर्च रिपोर्ट्स के मुताबिक अब घर खरीदार बने बनाए घरों (Ready To Move Flats) को प्राथमिकता दे रहे हैं.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।