अगर आपने कोविड की शुरुआत यानी 2020 से कीमतों में गिरावट के डर से किसी रियल एस्टेट एसेट की बिक्री की है तो शायद आपने जल्दबाजी की है. अक्टूबर से दिसंबर 2020 और जनवरी-मार्च 2021 के बीच देश में प्रॉपर्टी की कीमतों में 1.4% का उछाल आया है. रियल एस्टेट कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक के आंकड़ों से इस बात का पता चल रहा है.
इस हिसाब से अगर आपने 2020 में कोई प्रॉप्रटी खरीदी है तो शायद आप भाग्यशाली रहे हैं क्योंकि उस दौरान कीमतों में 1.6 फीसदी की गिरावट रही है. इसके बाद इस साल की शुरुआत से रियल्टी की कीमतों में तेजी आने लगी है.
1.6% की गिरावट
महामारी के दौर में भारत में रियल एस्टेट कीमतों में 1.6% की गिरावट हुई है जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा गिरावट में से एक है.
इस सर्वे के मुताबिक, 56 देशों की लिस्ट में से 52 में कीमतों में तेजी आई है. कैलेंडर ईयर के हिसाब से 2020 की पहली तिमाही से 2021 की पहली तिमाही की अवधि के लिए इन कीमतों तक विश्लेषण किया गया है.
भारत के अलावा, स्पेन (-1.8%), मोरक्को (-1.2%) और मलेशिया (0.9%) उन देशों में शुमार हैं जहां रियल एस्टेट के दाम नीचे आए हैं.
तुर्की है सबसे ऊपर
रियल्टी की कीमतों में सबसे ज्यादा तेजी तुर्की में देखी गई है. वहां गुजरे 12 महीने में प्रॉपर्टी की कीमतों में 32 फीसदी का उछाल आया है.
इसके बाद न्यूजीलैंड में 22.1 फीसदी, लग्जमबर्ग में 16.6%, स्लोवाकिया (15.5%) और अमरीका में 13.2% का उछाल रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका में रियल एस्टेट की कीमतें दिसंबर 2005 के बाद सबसे ऊपरी लेवल पर पहुंच गई हैं.
7.4% की औसत तेजी
सभी 56 देशों में प्रॉपर्टी की कीमतों में औसतन 7.3% की तेजी रही है.
गुजरे तीन महीनों में यानी 2020 की चौथी तिमाही और 2021 की पहली तिमाही के बीच रियल एस्टेट की कीमतों में कुछ सुस्ती आई है और इस दौरान किसी भी देश में डबल डिजिट की तेजी नहीं रही है. दूसरी ओर, 2020 की पहली तिमाही और 2021 की पहली तिमाही के बीच की 12 महीने की अवधि में 13 देशों में कीमतों में तेजी आई है.
दूसरी ओर, 2020 की चौथी तिमाही और 2021 की पहली तिमाही में भारत में रियल एस्टेट की कीमतों में 1.4% की तेजी रही है.
क्रेडाई की रिपोर्ट में क्या है?
भारत के रियल एस्टेट डिवेलपर्स एसोसिएशन क्रेडाई ने एक सर्वे रिपोर्ट जारी की है. इसमें देश के रियल एस्टेट मार्केट के सामने मौजूद चुनौतियों का जिक्र किया गया है. इनमें डिमांड में गिरावट और स्टैंप ड्यूटी में कटौती समेत रियल्टी मार्केट को बढ़ावा देने के उपायों की मांग की गई है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।