सुनील रियल एस्टेट एजेंट का काम करते हैं. सुनील पहले अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में कारोबार करते थे. लेकिन बीते कुछ सालों में मांग में कमी देखते हुए उन्हें अपना कारोबार मध्यम आकार के घरों की तरफ शिफ्ट कर दिया. और पिछले 2 साल से सुनील को इसका काफी फायदा हुआ.बल्कि इस साल तो उन्हें अपने बिजनेस में और तरक्की होती नजर आ रही है. दरअसल क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रियल एस्टेट डेवलपर्स को इस वित्त वर्ष में देश के शीर्ष 6 शहरों में 8 से 10 फीसद अधिक बिक्री की उम्मीद है. यह रिपोर्ट 11 बड़े और सूचीबद्ध और 76 छोटे और मध्यम आकार के आवासीय डेवलपर्स पर आधारित है. क्रिसिल के निदेशक अनिकेत दानी के मुताबिक आवासीय अचल संपत्ति की मांग, स्वस्थ आर्थिक विकास और हाइब्रिड वर्किंग मॉडल की वजह से बड़े और प्रीमियम आवासों के लिए मांग बढ़ रही है.
ऐसा तब है जब प्रॉपर्टी की कीमतें लगातार बढ़ रही है. देश के टॉप आठ शहरों में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. कैलेंडर ईयर 2023 की पहली तिमाही में इन आठ शहरों में घरों की कीमतें सालाना आधार पर 8 फीसदी बढ़ चुकी हैं. उपभोक्ताओं की ओर से घरों की मांग मजबूत बनी हुई है.दिल्ली NCR के इलाके में घरों की कीमत सालाना आधार पर सबसे ज्यादा 16 फीसदी बढ़ गई है, जबकि इस दौरान कोलकाता में 15 फीसदी और बेंग्लुरू में 14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिन शहरों में घरों की कीमतों में इजाफा हुआ है, उनमें अहमदाबाद, बेंग्लुरू, चेन्नई, दिल्ली NCR, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन और पुणे शामिल हैं.
जैसे-जैसे घरों की मांग बढ़ रही है.वैसे-वैसे रेरा भी बिल्डरों पर सख्ती कर रहा है.साथ ही घर खरीदारों की हितों की रक्षा के लिए नए-नए कदम उठा रहा है.घर खरीदारों के लिए महाराष्ट्र रेरा बड़ा कदम उठाने जा रहा है. महाराष्ट्र रेरा राज्य में मौजूद रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और प्रमोटरों की ग्रेडिंग करेगा. इससे घर खरीदारों को सही प्रोजेक्ट चुनने में मदद मिलेगी और उनकी पूंजी फंसने को जोखिम कम होगा. देश में किसी भी रेरा अथॉरिटी की ओर से शुरू की गई यह इस तरह की पहली कोशिश होगी. इस कवायद के पीछे महारेरा का मकसद होमबॉयर्स के लिए एक सही प्रोजेक्ट का चयन करने में मदद करना है. दरअसल, होमबॉयर्स के पास आमतौर पर आवास क्षेत्र में कई ज़रूरी अनुमतियों और डेवलपर की विश्वसनीयता के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं होती है और वह ठग लिए जाते हैं या उनका पैसा गलत प्रोजेक्ट में लग जाने पर फंस जाता है. ऐसे में परियोजनाओं की ग्रेडिंग शुरू करने घर खरीदारों को पता होगा कौन सा प्रोजेक्ट और प्रमोटर्स सही है.
उधर सुपरटेक की आवासीय परियोजनाओं में घर खरीदने वालों के लिए अच्छी खबर है. सुपरटेक लिमिटेड अपनी अटकी पड़ी 18 आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संस्थागत निवेशकों से 1600 करोड़ रुपए जुटाने के लिए बातचीत कर रही है. कंपनी ने यह राशि जुटाने के लिए निवेशकों के साथ शुरुआती समझौता किया है. कंपनी ने इस राशि से 17,000 फ्लैट का निर्माण पूरा कर उन्हें ग्राहकों को सौंपने की योजना बनाई है. सुपरटेक ने उम्मीद जताई है कि वह जुलाई अंत तक यह पैसा जुटा लेगी.
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