सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY (G)) के तहत लाभार्थियों की संख्या 2.14 करोड़ से घटाने की योजना में है. ग्रामीण विकास मंत्रालय की जारी जानकारी के मुताबिक सभी के लिए 2022 तक घर मुहैया कराने की इस स्कीम के लिए पात्र लोगों की संख्या आगे घट सकती है. हालांकि, शुरुआत में सरकार ने 2.95 करोड़ लोगों को इस योजना का फायदा उठा सकने वालों की लिस्ट में जोड़ा था जिसे घटाकर 2.14 करोड़ किया गया. अब इसमें और छंटनी की आशंका है.
मंत्रालय ने कहा है, “2011 के एसईसीसी (SECC) डेटाबेस का उपयोग करके पहचान की गई मौजूदा स्थायी प्रतीक्षा सूची (पीडब्ल्यूएल) के हिसाब से अब तक 2.14 करोड़ लाभार्थी पात्र पाए गए हैं. हालांकि इस सूची में शुरू में 2.95 करोड़ परिवार शामिल थे, मंजूरी के समय पर सत्यापन सहित कई स्तरों पर किए गए सत्यापन के माध्यम से, बहुत सारे घरों को पात्र नहीं पाया गया. इसलिए इस सूची को 2.14 करोड़ तक सीमित कर दिया गया है. आगे यह संख्या और कम होने की संभावना है.”
अब तक पात्र लाभार्थियों की संख्या 2.95 करोड़ से घटकर 2.14 करोड़ होने के कारण, उन सभी परिवारों की पहचान के लिए फील्ड अधिकारियों की मदद से सभी राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों द्वारा “आवास+” नाम का एक सर्वेक्षण किया गया था जिन्हें पात्र होने के बावजूदयोजनाकी स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल नहीं किया गया है. वित्त मंत्रालय ने जुलाई, 2020 में ग्रामीण विकास मंत्रालय को 2.95 करोड़ प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY (G)) घरों की सीमा के साथ अंतिम आवास+ सूची के अतिरिक्त पात्र परिवारों को योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल करने के प्रस्ताव के लिए सहमति दी थी. पात्रता के लिए सर्वेक्षण के नतीजे की समीक्षा की जा रही है और इसके बाद इनका कार्यान्वयन किया जाएगा.
ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 1.92 करोड़ (90%) मकानों को मंजूरी दी गयी है और मंजूरी पाने वाले मकानों में से 1.36 करोड़ (71%) आवास बनाए जा चुके हैं. योजना के पहले चरण में यानी 2016-17 से 2018-19 तक एक करोड़ घरों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 92% लक्ष्य पूरा हो गया है.
कार्यक्रम के लिए पर्याप्त धन के अलावा निर्माण कार्य पूरा होने और अन्य सुधारों पर जोर देने के कारण लगभग 73 लाख इंदिरा आवास योजना घरों का निर्माण पूरा हुआ. इस तरह 2014-15 के बाद सेविभिन्न ग्रामीण आवास योजनाओं के तहत लगभग 2.10 करोड़ आवास इकाइयों का निर्माण पूरा हुआ है.
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वित्त वर्ष 20-21 के बजट में कुल 19,269 करोड़ रुपये का आवंटन PMAY (G) के लिए कराया गया था. इसके अलावा, 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बजटीय सहायता प्रदान की गई. कुल मिलाकर 39,269 करोड़ रुपये की राशि जारी की गयी जो योजना शुरू होने के बाद से किसी भी वर्ष में जारी की गयी सबसे ज्यादा राशि है. राज्यों की हिस्सेदारी सहित राज्यों द्वारा किए गए व्यय में मौजूदा वित्त वर्ष में 46,661 करोड़ रुपये की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो योजना शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा है.
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