रहने के लिहाज से मुंबई भारत का सबसे मंहगा शहर है. घरों के महंगा होने के मामले में मुंबई जल्द ही दुनिया को पीछे छोड़ सकता है. मुंबई की रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में 2024 के दौरान 5 फीसद की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. वैश्विक स्तर पर यह सबसे ज्यादा होगी. मुंबई के अलावा न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर में भी रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में 5 फीसद की वृद्धि देखी जा सकती है. रियल एस्टेट कन्सल्टेन्सी कंपनी नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट प्राइम ग्लोबल सिटीज इन्डेक्स से यह जानकारी मिली है.
नाइट फ्रैंक ने अपनी रिपोर्ट में 26 शहरों को शामिल किया है. इन 26 बाजारों की रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में 2024 के दौरान 2% की वृद्धि देखी जाएगी. रिपोर्ट में मुंबई और ऑकलैंड के बाद सिंगापुर, मैडरिड और सिडनी का नाम आता है. 2024 में सिंगापुर-मैडरिड में रिहायशी संपत्ति की कीमतों में 4 फीसद और सिडनी में 3.5 फीसद का उछाल आ सकता है. वहीं बर्लिन और एडिनबर्ग की कीमतों में क्रमश: 1 और 3 फीसद की गिरावट आ सकती है. लंदन की रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में किसी तरह का बदलाव नहीं आएगा.
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइम रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में ग्रोथ के आधार पर मुंबई विश्व में छठे नंबर पर रहा. जून तिमाही के दौरान 5.2% की वार्षिक वृद्धि के साथ मुंबई का संपत्ति बाजार 46 वैश्विक बाजारों में 6वें स्थान पर है. इसी तिमाही में बेंगलुरु 3.6% मूल्य वृद्धि के साथ 20वें और नई दिल्ली 0.2% की मामूली वृद्धि के साथ 26वें स्थान पर रहा.
भारत में सबसे महंगा मुंबई
नाइट फ्रैंड इंडिया द्वारा जारी अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के मुताबिक मुंबई रहने के लिहाज से सबसे महंगा शहर है, जबकि कोलकाता, पुणे समेत कई टॉप सिटी आवास के लिहाज से काफी सस्ते हैं. मुंबई के लिए होम लोन ईएमआई और प्रति परिवार की आय अनुपात 55 फीसद है.इसका मतलब एक परिवार अगर होन लोन लेता है तो उसकी आय का औसतन 55 फीसद हिस्सा होम लोन चुकता करने में खर्च हो जाता है. बेंगलुरु और चेन्नई के लिए यह अनुपात 28 फीसद है. वहीं पुणे और कोलकात के लिए ईएमआई और प्रति व्यक्ति आय का अनुपात 26 फीसद है