चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह के दौरान सात प्रमुख शहरों में प्राइम ऑफिस स्पेस का किराया सालाना आधार पर औसतन सात फीसद बढ़कर 83 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया है. रियल एस्टेट कंसल्टैंट एनारॉक के मुताबिक कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ने की वजह से किराये में वृद्धि हुई है. एनारॉक ने गुरुवार को अपनी इंडिया ऑफिस मार्केट अपडेट फॉर एच1 रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि ग्रेड ए ऑफिस का किराया बढ़कर देश के शीर्ष सात शहरों में औसतन 83 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया है, जो एक साल पहले औसतन 77.5 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह था.
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में शीर्ष सात शहरों में कमर्शियल ऑफिस स्पेस गतिविधियां सुस्त रहीं. पिछले साल की समान अवधि में लीज और नए निर्माण दोनों में कमी दर्ज की गई. एनारॉक के मुताबिक इस अवधि में नए ऑफिस की आपूर्ति 5 फीसदी बढ़ी है, जबकि ऑफिस लीज में मामूली एक फीसदी की कमी आई है.
दिलचस्प बात यह है कि, सभी शीर्ष सात शहरों में औसत किराया चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 7 फीसदी बढ़ा है. एनारॉक के रीजनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड प्रशांत ठाकुर के मुताबिक किराया बढ़ने के पीछे प्रमुख वजह कंस्ट्रक्शन और इनपुट कॉस्ट का बढ़ना है.
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान, चेन्नई में ऑफिस किराया सालाना आधार सबसे ज्यादा 10 फीसदी बढ़ा है. यहां औसत ऑफिस किराया बढ़कर 68 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया है, जो एक साल पहले 62 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह था. हैदराबाद में औसत किराया 8 फीसद बढ़कर 66 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया, जो एक साल पहले 61 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह था.
बेंगलुरु, पुणे और कोलकाता में ऑफिस किराया औसतन 7 फीसदी बढ़ा है. मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन और दिल्ली-एनसीआर में ऑफिस किराया औसतन 5 फीसदी बढ़ा है. बेंगलुरु में औसत मासिक ऑफिस किराया बढ़कर 90 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह हो गया है, जो एक साल पहले तक 84 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह था.