भारत में कोरोना महामारी के बाद से घरों की मांग में जबरदस्त तेजी दिखी है. लेकिन चालू वित्त वर्ष में मांग और कीमत में नरमी की संभावना है. इस दौरान बिक्री में 8 से 10 फीसद और कीमत में लगभग 5 फीसद की सालाना बढ़ोतरी होने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.
बढ़ सकती है घरों की बिक्री
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए रेसिडेंशियल रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए इस वित्त वर्ष में न्यूट्रल स्थिति बताया है. इंडिया रेटिंग्स एजेंसी ने बयान में कहा, ‘ब्याज दर में कमी और स्थिरता से खरीद और कीमतों को समर्थन मिल सकता है. हालांकि, बीते वित्त वर्ष के मुकाबले इस वर्ष ग्रोथ रेट कम होने की संभावना है.
बिक्री में बढ़ोतरी
रिपोर्ट में बताया गया है कि रेसिडेंशियल रियल एस्टेट बाजार ने बीते वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान जबरदस्त प्रदर्शन किया है. इस दौरान किमतों में बढ़ोतरी और स्थिर ब्याज दरों के बावजूद टॉप 8 रियल एस्टेट क्लस्टर्स में बिक्री में सालाना आधार पर 25 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
कितनी होगी बढ़ोतरी?
इंडिया रेटिंग्स में कॉरपोरेट रेटिंग्स के डायरेक्टर महावीर शंकरलाल जैन ने कहा, ‘अधिकांश क्षेत्रों में कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है. हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में प्री-सेल्स ग्रोथ सालाना आधार पर 8 से 10 फीसद तक रहेगी. वित्त वर्ष 2023-24 में प्रीमियम और लक्जरी सेगमेंट में बनकर तैयार मकानों की संख्या बढ़ गयी है. इसका कारण बिक्री और प्राप्तियों में तेज वृद्धि के साथ नई परियोजनाओं का बढ़ना है.’ रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में कीमतें सालाना आधार पर 22 फीसद बढ़ी हैं.