साल 2023 की पहली छमाही के दौरान कुल घरों की बिक्री में अफोर्डेबल हाउस, जिनकी कीमत 40 लाख रुपए तक है, की हिस्सेदारी करीब 20 फीसद घटी है. किफायती घरों की बिक्री में इस गिरावट का प्रमुख कारण ईएमआई का बढ़ना है. एनारॉक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि किफायती घर खरीदारों की ईएमआई में पिछले दो सालों में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर फ्लोटिंग ब्याज दर मई, 2021 में 6.7 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 9.15 फीसदी तक पहुंच चुकी है.
फ्लोटिंग ब्याज दर के तहत ऋण की अवधि के दौरान ब्याज की दर लगातार बदलती रहती है. बैंक अपने फ्लोटिंग-रेट होम लोन दर को तय करने के लिए बाहरी बेंचमार्क के रूप में रेपो दर का उपयोग करते हैं. इसलिए रेपो रेट बढ़ने से होम लोन की ब्याज दरें भी बढ़ गई हैं. बैंकों ने पिछले एक साल में या तो ऋण की अवधि बढ़ाई है या फिर EMI में बढ़ोतरी की है. RBI ने रेपो दर में 250 बेसिस प्वॉइंट की वृद्धि की है और रेपो दर 4 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी हो गई है. रेपो दर में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंकों की होम लोन ब्याज दर भी बढ़ गई है. क्योंकि रेपो दर और फ्लोटिंग होम लोन रेट आपस में जुड़े हुए हैं.
किफायती घरों की मांग घटी ऊंचे ब्याज दर ने अमीरों की तुलना में कम आय वाले वर्ग को अधिक प्रभावित किया है. ब्याज दर बढ़ने के बाद किफायती घरों के लिए ऋण की मांग में कमी दर्ज की गई है. रेपो दर में कई बार बढ़ोतरी होने के बाद किफायती घर खरीदने वाले ग्राहक अब लोन लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. एसबीआई रिसर्च के विश्लेषण से पता चला है कि इस साल जनवरी- फरवरी में कुल वितरित किए गए होम लोन में 30 लाख रुपए तक के लोन की हिस्सेदारी 45 फीसदी रही. जबकि अप्रैल से जून 2022 में कुल होम लोन में किफायती घर के लिए कर्ज की हिस्सेदारी 60 फीसदी थी.
4600 रुपए बढ़ गई EMI एनारॉक ग्रुप के रीजनल डायरेक्ट और हेड- रिसर्च, प्रशांत ठाकुर का कहना है कि जुलाई, 2021 में घर खरीदार करीब 22,700 रुपए की EMI दे रहे थे, जो अब बढ़कर 27,300 रुपए हो गई है. मतलब EMI में 4,600 रुपए प्रति माह की बढ़ोतरी हुई है. EMI में 20 फीसदी का इजाफा होने से ब्याज की रकम में करीब 11 लाख रुपए की बढ़ोतरी हुई है. 2021 में घर खरीदारों को 24.5 लाख रुपए का ब्याज चुकाना था, वहीं आज ब्याज की रकम बढ़कर 35.5 लाख रुपए हो गई है.
मूल राशि से ज्यादा देना होगा ब्याज 20 साल की अवधि वाले होम लोन पर चुकाया जाने वाला ब्याज अब मूल राशि से ज्यादा हो गया है. अगर कोई ग्राहक 40 लाख रुपए से कम मूल्य वाला घर खरीदना चाहता है, तो एलटीवी (लोन टू वैल्यू) अनुपात को ध्यान में रखते हुए, 20 साल की अवधि क लिए कुल उधार ली गई राशि 30 लाख रुपए होगी. 2021 में जब ब्याज दर करीब 6.7 फीसदी थी, तब इस पर ईएमआई 22,700 रुपए थी. इस ब्याज दर पर बैंक को लौटाई जानी वाली कुल रकम 54.5 लाख रुपए थी. इसमें ब्याज का हिस्सा करीब 24.5 लाख रुपए है, जो मूल राशि से कम है. आज जब होम लोन की ब्याज दर करीब 9.15 फीसदी है, ऐसे में ईएमआई बढ़कर 27,300 रुपए हो गई है. मौजूदा ब्याज दर पर बैंक को लौटाई जाने वाली कुल रकम बढ़कर 65.5 लाख रुपए हो गई है, जिसमें ब्याज का हिस्सा 35.5 लाख रुपए है, जो मूल राशि से अधिक है.
महंगे कर्ज ने घटाई सस्ते घरों की बिक्री एनारॉक की रिसर्च के मुताबिक 2023 की पहली छमाही में घरों की कुल बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी घटकर 20 फीसद रह गई. जबकि 2022 की पहली छमाही में हिस्सेदारी 31 फीसदी थी. 2023 की पहली छमाही में करीब 2.29 लाख घर बिके हैं, जिसमें से 46,650 किफायती घर हैं. 2022 की पहली छमाही में 1.84 लाख घर बिके थे, जिसमें किफायती घरों की संख्या 57,060 थी.
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