फूड एग्रीगेटर कंपनी जोमैटो अब पार्सल भी डिलीवर करेगी. इसके लिए कंपनी ने एक हाइपरलोकल डिलीवरी सर्विस एक्सट्रीम लॉन्च की है. जिसमें 3 लाख से ज्यादा डिलीवरी पार्टनर जुड़े हैं. सूत्रों के अनुसार, यह सेवा उन सभी 750-800 शहरों में शुरू की गई है, जहां जोमैटो खाने की डिलीवरी करता है. एस्ट्रीम एक अलग ऐप पर उपलब्ध है.
बता दें एक्सट्रीम को शैडोफैक्स, पोर्टर और लोडशेयर की तर्ज पर इंट्रासिटी में छोटे पैकेज वितरित करने के लिए इसकी शुरुआत की गई है. इसमें छोटे और बड़े दोनों व्यापारियों को अपने पार्सल भेजने और रिसीव करने में मदद मिलेगी. व्यापारियों के अलावा इसे व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए भी खोल दिया गया है.
Xtreme ऐप पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार उपयोगकर्ता इसके जरिए दस्तावेज, दवाएं, भोजन, किराना, परिधान, सौंदर्य प्रसाधन और अन्य वस्तुओं के छोटे पार्सल भेज सकेंगे, जिनका वजन 10 किलोग्राम तक होगा. सूत्रों के मुताबिक कंपनी पहले किलोमीटर डिलीवरी के लिए 25 रुपए चार्ज कर रही है, हर अतिरिक्त किलोमीटर के साथ टैरिफ बढ़ता जा रहा है. इसमें जीएसटी शामिल नहीं है.
विश्लेषकों का कहना है कि फूड डिलीवरी के लिए आगे बढ़ने का काफी स्कोप है, लेकिन यह देश की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पर निर्भर है. इसलिए एक मजबूत और बेहतर वितरण प्रणाली के लिए कुछ मौजूदा चीजों का लाभ उठाकर नए राजस्व हासिल किया जा सकता है. ज़ोमैटो का हाइपरलोकल डिलीवरी में प्रवेश ऐसे समय में हुआ है जब इकोसिस्टम में रिलायंस रिटेल समर्थित डंजो गंभीर तनाव से गुजर रहा है डंजो को चलाने में असमर्थता के चलते सॉफ्टबैंक समर्थित ओला ने हाइपरलोकल डिलीवरी सेगमेंट में प्रवेश किया है. ऐसे में जोमैटो का इस ओर कदम रखना अहम साबित हो सकता है.
बता दें जोमैटो ने जून 2023 को समाप्त तिमाही में 2 करोड़ रुपए का पहला शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि एक साल पहले उसे 186 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. कंपनी को यह लाभ लॉयल्टी कार्यक्रम के चलते आया है. तिमाही में इसका राजस्व साल दर साल लगभग 71% बढ़कर 2,416 करोड़ रुपए हो गया.