बड़े ब्रांड अब छोटे शहरों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. 2023 के पहले नौ महीनों में तीन दर्जन घरेलू और वैश्विक ब्रांड्स ने टियर 2 शहरों के बाजारों में एंट्री की है. CBRE के आंकड़ों के मुताबिक,H&M, मार्क्स एंड स्पेंसर, GAP और तस्वा जैसे ब्रांड्स ने इंदौर, मैंगलोर, पटना, रांची, मैसूर और कोयंबटूर जैसे शहरों में प्रवेश किया है. महामारी के बाद भी छोटे शहरों में बनी मजबूत मांग की वजह से बड़े ब्रांड्स इन बाजारों का रुख कर रहे हैं.
23 सितंबर तक 14 टियर-II शहरों में कुल रिटेल स्टॉक 2.9 करोड़ वर्ग फुट था. जयपुर, लखनऊ और चंडीगढ़ में प्रत्येक का रिटेल स्टॉक 30 से 70 लाख वर्ग फुट के बीच था.
अंशुमन मैगज़ीन, अध्यक्ष, भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका, CBRE ने कहा “ई-कॉमर्स बूम, टेक्नोलॉजी पंसद करने वाले उपभोक्ता, बढ़ती इच्छाओं की वजह से इन शहरों मे रिटेल बिक्री का विकास हो रहा है. निवेश-ग्रेड डेवलपर्स इन शहरों में बड़े आकार के मॉल खोल कर रहे हैं, जिन्हें मनोरंजन करने की जगह के रूप में देखा जाता है, न कि केवल खरीदारी करने की जगह के रूप में, ”. .
अधिकांश गैर-मेट्रो शहरों में पहले से स्थापित व्यापार और व्यवसाय केंद्र हैं. अब मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन और स्टार्ट-अप भी कार्यालय स्थापित कर रहे हैं. टियर-II शहरों में बढ़ती आबादी तरह-तरह की रिटेल पेशकशों की मांग को और बढ़ा रही है.
चंडीगढ़ जैसे शहर में ज़ारा, यूनीक्लो, लाइफस्टाइल, शॉपर्स स्टॉप, मार्क्स एंड स्पेंसर, द कलेक्टिव, नाइकी, एडिडास, स्केचर्स, प्यूमा जैसे ब्रांड हैं. इन कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि शॉपर्स स्टॉप, मीना बाजार, सोच, मोहनलाल संस और तस्वा जैसे ब्रांडों ने मांग में बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए एक साल में सबसे ज्यादा स्टोर खोलने की योजना बनाई है, खासकर टियर 2 शहरों में.
एक अन्य एथनिक वियर ब्रांड सोच ने कुरनूल, मुजफ्फरपुर, गोरखपुर और जयपुर जैसे शहरों में स्टोर खोले हैं. इसकी योजना उडुपी, देहरादून, इलाहाबाद, मदुरै, लुधियाना, बरनाला, फरीदाबाद, जोधपुर, वेल्लोर और त्रिशूर में आउटलेट शुरू करने की है.
पिछले वित्तीय वर्ष में शॉपर्स स्टॉप द्वारा खोले गए 11 डिपार्टमेंट स्टोर में से केवल तीन मेट्रो शहरों में हैं.