दिल्ली सरकार ने श्रमिकों को दिवाली का तोहफा दिया है. दिल्ली के श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने अकुशल, अर्द्धकुशल और कुशल श्रमिकों का न्यूनतम मासिक वेतन बढ़ाने को लेकर एक आदेश जारी किया है. इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा. इसके तहत न्यूनतम मासिक वेतन में बढ़ोतरी की गई है. जिसमें गैर मैट्रिक, मैट्रिक और स्नातक कर्मचारी शामिल हैं. यह नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी.
दिल्ली सरकार ने किया बड़ा ऐलान
सरकार की तरफ से एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. राज कुमार आनंद ने कहा कि ऊंची मुद्रास्फीति और अन्य चुनौतियों से समाज के सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं. दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी से श्रमिकों को कुछ राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी देश में सबसे अधिक है. श्रम विभाग का कहना है कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्य तौर पर केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है.
हर महीने की सैलरी में इजाफा
न्यूनतम वेतन की नई दर के अनुसार अब कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 20,903 रुपए से बढ़ाकर 21,215 रुपए कर दिया गया है. वहीं, अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 18,993 रुपए से बढ़ाकर 19,279 रुपए किया गया है. अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 17,234 रुपए से बढ़ाकर 17,494 रुपए कर दिया गया है.
सुपरवाइजर और लिपिक कर्मचारियों का भी बढ़ा वेतन
सरकार ने कहा है कि इस ऐलान का लाभ दिल्ली के सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा. नई दरों के अनुसार अब गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18,993 से बढ़ाकर 19,279 रुपए कर दिया गया है, जबकि मैट्रिक पास का और गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 20,903 से बढ़ाकर 21,215 रुपए किया गया है. वहीं स्नातक कर्मचारियों और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 22,744 से बढ़ाकर 23,082 रुपए कर दिया गया है.