कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए 10 साल पहले लाए गए कानून का असर दिखने लगा है. निफ्टी 500 की कंपनियों के बोर्ड में अब करीब 20 फीसद भागीदारी महिलाओं की हो चुकी है. कई कंपनियां तो ऐसी हैं जिनके बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी 50 फीसद से ज्यादा है. हालांकि कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जिनके बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी महज 5-7 फीसद तक ही सीमित है. बता दें साल 2013 में कंपनी अधिनियम लागू किया गया था. इस कानून के तहत कंपनी के बोर्ड में कम से कम 1 महिला का होना जरूरी है.
प्राइम डेटाबेस अनुसंधान के आंकड़ों के मुताबिक अब निफ्टी-500 कंपनियों में औसतन हर पांच बोर्ड सदस्यों में से एक महिला है, जबकि पांच साल पहले आठ निदेशकों में से सिर्फ एक महिला सदस्य हुआ करती थी. जबकि इससे दस साल पहले यह रेशियो बीस सदस्यों में से एक था. बता दें कंपनियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लागू किए कानून से बोर्ड स्तर पर लैंगिक समानता बढ़ाने में प्रगति हुई है, हालांकि अभी भी इसमें और सुधार की गुंजाइश है.
जोमैटो के बोर्ड मेंबर्स में महिलाओं कही हिस्सेदारी सबसे ज्यादा करीब 57 फीसद है. वहीं दूसरे नंबर पर हिंदुस्तान जिंक है, जिसमें महिला सदस्यों की भागीदारी करीब 55 प्रतिशत है. क्यूमिन्स इंडिया में भी महिलाओं की हिस्सेदारी 55 फीसद ही है. जबकि एल एंड टी कंपनी के बोर्ड सदस्यों में महिलाओं की भागीदारी सबसे कम है.
कई लिस्टेट कंपनियों के बोर्ड में बतौर स्वतंत्र महिला निदेशक की भूमिका निभाने वाली मंजू अग्रवाल का कहना है कि पुरुष अधिकारी या उद्यमी होने के कारण बोर्ड में अधिक पुरुष सदस्य होते हैं. एक अन्य स्वतंत्र महिला निदेशक सुतापा बनर्जी का कहना है कि बोर्ड मेंबर्स में पांच में से एक की संख्या काफी नहीं है. इसके लिए और अधिक सकारात्मक कदम उठाने होंगे.
यूके सरकार समर्थित हैम्पटन-अलेक्जेंडर ने इस साल फरवरी में एफटीएसई महिला नेताओं पर अपनी रिपोर्ट पेश की. जिसमें 2025 के अंत तक एफटीएसई-350 कंपनियों के बोर्ड में 40% महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ाने जाने की सिफारिश की थी. बता दें भारत में, निफ्टी-500 में 22 कंपनियां हैं जिनके बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 40% और उससे अधिक है. इनमें से कई कंपनियों जैसे- कोलगेट पामोलिव, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ज्योति लैब्स, विनती ऑर्गेनिक्स, अपोलो हॉस्पिटल्स, सुंदरम फास्टनर्स और न्यू इंडिया एश्योरेंस में महिला अध्यक्ष या सीईओ हैं.