कौशल प्रशिक्षण यानि स्किल हासिल करने के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण हासिल करने में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. इनमें भी 95% से ज्यादा ने सिलाई को पसंदीदा व्यवसाय के रूप में चुना है. सितंबर 2023 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना ने अब तक 3.5 लाख व्यक्तियों को ट्रेनिंग दी है. इनमें से 2.4 लाख यानी 68.76% महिलाएं हैं जबकि सिर्फ 1.1 लाख या 31.3% पुरुष हैं.
सबसे ज्यादा लिया जाने वाल प्रशिक्षण
इनमें से 2.3 लाख महिलाओं ने सिलाई कौशल हासिल किया है. जबकि ज्यादातर पुरुषों (33,104) ने राजमिस्त्री बनने का प्रशिक्षण हासिल किया. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि योजना के तहत प्रशिक्षण के लिए अब तक 10.4 लाख व्यक्तियों ने नामांकन किया है, जबकि योजना के तहत 30 लाख को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था.
किस राज्य में कितने लाभार्थी
योजना के तहत सबसे ज्यादा लाभार्थी कर्नाटक (83,067) से हैं. इसके बाद गुजरात (56,221), जम्मू-कश्मीर (55,856), आंध्र प्रदेश (44,922), असम (24,851), महाराष्ट्र (17,557), यूपी (13,026), मध्य प्रदेश (10,692), राजस्थान (7,846) और छत्तीसगढ़ (7,830) से हैं.
इन राज्यों में विफल रही योजना
हालांकि, यह योजना दिल्ली, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित आठ राज्यों में शुरू होने में विफल रही है. तीनों राज्यों में से हर एक में केवल एक पंजीकरण है और अब तक कोई प्रशिक्षण नहीं है.
क्यों नहीं मिल पा रहा प्रशिक्षण
इकनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को लाभ मिल सके. इनमें से कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने लाभार्थियों की पहचान के लिए ग्राम पंचायतों को भी शामिल नहीं किया है. जब तक ऐसा नहीं होता, प्रशिक्षण शुरू नहीं हो सकता.
योजना में शामिल 18 व्यवसाय
इस योजना के तहत, 18 पारंपरिक व्यवसायों के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है. लाभार्थियों को पांच-सात दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण मिलता है जबकि एडवांस ट्रेनिंग 15 दिनों तक चल सकती है.