देश की बड़ी आईटी कंपनी विप्रो ने कर्मचारियों की सैलरी को लेकर अहम घोषणा की है. जिसके तहत मोटी सैलरी पाने वाले बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ेगी. विप्रो दिसंबर में वेतन संशोधन के आगामी दौर से इस पर अमल करेगा. इस सिलसिले में कर्मचारियों को ई-मेल भेजकर जानकारी दी गई है. जिसमें बिज़नेस लाइन के प्रबंध भागीदार और अध्यक्ष नागेंद्र बंडारू ने बताया कि कंपनी अपने व्यवसाय की सामर्थ्य के आधार पर एक चयनात्मक एमएसआई (योग्यता वेतन वृद्धि) रोलआउट कर रही है.
बंडारू ने यह भी कहा कि विप्रो वेतन वृद्धि में कम मुआवजे वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देगा, जबकि मोटी सैलरी वाले शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा. कर्मचारियों को बढ़ी हुई वेतन 1 दिसंबर को मिलेगी. बता दें विप्रो ने पहले ही अपने वेतन वृद्धि चक्र में देरी कर दी थी. यह कदम तकनीकी उद्योग में एक बड़े रुझान को दर्शाता है क्योंकि इसने क्षेत्रों के बीच वेतन असमानताओं को दूर करने और पेरोल लागत में कटौती करने की कोशिश की है.
आईटी कंपनियों के खर्चों में वेतन काफी अहम हिस्सा है, आमतौर पर ये 60% से अधिक होता है. रिसर्च फर्म एवरेस्ट ग्रुप के सीईओ पीटर बेंडर-सैमुअल के अनुसार वेतन में बढ़ोतरी न करने से कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ सकता है और ज्यादा कर्मचारी नौकरी छोड़ सकते हैं. इस अतिरिक्त कटौती से कंपनियों को मांग के साथ लागत को संतुलन में लाने में मदद मिलेगी.