अमेरिका ने कच्चे तेल के बड़े उत्पादक देश वेनेजुएला पर लगाए आर्थिक प्रतिबंधों में ढील दे दी है. वेनेजुएला पर लगे प्रतिबंधों की ढील के बाद वहां से ग्लोबल मार्केट में तेल की सप्लाई बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. 2010 तक वेनेजुएला का रोजाना तेल उत्पादन 31 लाख बैरल के करीब हुआ करता था, लेकिन आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से ग्लोबल मार्केट में वहां से तेल की सप्लाई रुक गई थी और पिछले साल तक उसका रोजाना तेल उत्पादन घटकर 73 हजार बैरल रह गया था, लेकिन अब संभावना है कि वेनेजुएला के तेल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. हालांकि आर्थिक प्रतिबंधों में ढील की खबर के बावजूद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बनी हुई है.
2019 में लगा था प्रतिबंध
अमेरिका ने वेनेजुएला के कच्चा तेल, अन्य कमोडिटीज और एसेट्स पर लगे कुछ प्रतिबंधों में ढील दे दी है. बता दें कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार और विपक्ष के बीच चुनावी रोडमैप समझौते पर हुए हस्ताक्षर के बाद अमेरिका की ओर से यह फैसला लिया गया है. गौरतलब है कि वर्ष 2019 में वेनेजुएला से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर रोक लग गई थी. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बुधवार को लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला के साथ तेल लेनदेन को अधिकृत करने वाला 6 महीने का सामान्य लाइसेंस जारी किया है, जिसके तहत तेल उत्पादन और बगैर किसी सीमा के चुने हुए बाजारों में निर्यात की अनुमति होगी. 2019 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वेनेजुएला के ऊपर आर्थिक प्रतिबंधित लगा दिए थे.
गौरतलब है कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किए गए हमास के द्वारा 7 अक्टूबर को इजराइल के ऊपर हमला किए जाने के बाद से कच्चे तेल के बाजार में अस्थिरता बनी हुई है और अगर यह अस्थिरता बनी रहती है तो कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है. अमेरिका के द्वारा वेनेजुएला पर लगाए आर्थिक प्रतिबंधों में ढील से एनर्जी मार्केट को बड़ी राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है. राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार और वेनेज़ुएला के लोकतांत्रिक विपक्ष के बीच वार्ता के कुछ ही दिनों बाद अमेरिका ने यह फैसला लिया है. हालांकि प्रतिबंध में ढील दिए जाने के लिए अमेरिका की ओर से एक शर्त लगाई गई है जिसके तहत निकोलस मादुरो 2024 की दूसरी छमाही में स्वतंत्र राष्ट्रीय चुनावों की अनुमति देंगे. हालांकि वेनेज़ुएला के द्वारा कच्च तेल उत्पादन को उतना बढ़ावा दिए जाने की संभावना कम है जितना कि ईरान पिछले साल के आखिर से करने में कामयाब रहा है. बता दें कि 2022 के अंत से ईरान का तेल उत्पादन रोजाना करीब 6,00,000 बैरल बढ़ गया है.