भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए जारी बातचीत के मद्देनजर एक किताब में कहा गया है कि यह समझौता भारत की विनिर्माण महाशक्ति बनने की महत्वाकांक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. किताब के मुताबिक, दूसरी ओर ब्रिटेन ब्रेक्जिट से लाभ लेने के लिए नए सौदे करना चाहता है.
वरिष्ठ पत्रकार अशोक टंडन ने अपनी आगामी पुस्तक ‘द रिवर्स स्विंग-कॉलोनियलिज्म टू कोऑपरेशन’ में कहा है कि यदि मुक्त व्यापार समझौता होता है, तो यह ऐसे वक्त में होगा जब कई पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं को उम्मीद है कि चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य ताकत के खिलाफ भारत एक मजबूत गढ़ बनेगा.
टंडन की किताब में एफटीए को सबसे महत्वाकांक्षी, निष्पक्ष और संतुलित समझौता कहा गया है. इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इस किताब का अनावरण 18 अक्टूबर को होगा.
भारत और ब्रिटेन के अधिकारी एफटीए को अंतिम रूप देने के लिए गहन बातचीत कर रहे हैं. वार्ता जनवरी, 2022 में शुरू हुई थी. ऐसी उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. टंडन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन एक ‘‘निष्पक्ष और संतुलित’’ समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जो ‘‘समानता, पारस्परिक सम्मान और हितों की समानता’’ पर आधारत है.