न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड ग्लोबल को-वर्किंग कंपनी वीवर्क (WeWork) ने अमेरिका में दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन कर दिया है. 39 देशों में 777 लोकेशन पर मौजूद WeWork भारी घाटे से जूझ रही है. 2023 की पहली छमाही में वीवर्क ग्लोबल को 69.6 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ है. वीवर्क दुनिया की प्रमुख को-वर्किंग कंपनियों में से एक है. वीवर्क भारत में भी मौजूद है और इस दिवाला कार्रवाई से भारतीय कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
47 अरब डॉलर था कभी मूल्याकंन एक समय वॉल स्ट्रीट की बड़ी कंपनियों में शुमार रही वीवर्क का बाजार मूल्यांकन 47 अरब डॉलर था. वीवर्क में जापान के सॉफ्टबैंक ने भारी निवेश किया है. वीवर्क ने दिवाला संरक्षण के चैप्टर 11 के तहत दिवाला आवेदन जमा किया है. इसके साथ ही कंपनी ने अपने कर्ज को कम करने और बही-खाते को दुरुस्त करने के लिए व्यापक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है.
US, कनाडा में होगी दिवाला वीवर्क ने कहा है कि अमेरिका और कनाडा के बाहर स्थित उसके केंद्र दिवाला प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे. चालू साल की पहली छमाही में कंपनी को 69.6 करोड़ डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ है. वीवर्क ने दिवाला आवेदन में कहा है कि वह कुछ ऐसे स्थानों पर लीज को रद्द करना चाहती है, जो इसके लिए अब परिचालन महत्व के नहीं रह गए हैं. कंपनी ने कहा कि सभी प्रभावित सदस्यों को इसके बारे में अग्रिम नोटिस भेज दिया गया है.
भारतीय कारोबार पर नहीं पड़ेगा असर वीवर्क इंडिया ने कहा है कि अमेरिकी अदालत में वीवर्क ग्लोबल द्वारा दायर दिवाला आवेदन से भारतीय कारोबार पर किसी तरह से असर नहीं पड़ेगा. वीवर्क इंडिया में बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी एम्बैसी ग्रुप की 73 फीसदी हिस्सेदारी है. इसमें 27 फीसदी हिस्सेदारी वीवर्क ग्लोबल के पास है.
वीवर्क इंडिया है अलग कंपनी वीवर्क इंडिया के सात शहरों में 50 केंद्र है, जिनमें लगभग 90,000 डेस्क हैं. वीवर्क इंडिया के सीईओ करण विरवानी ने कहा कि भारतीय कारोबार वीवर्क ग्लोबल से स्वतंत्र है और इसलिए इसका परिचालन प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वीवर्क इंडिया स्वतंत्र रूप से काम करती है, ऐसे में इस घटनाक्रम से भारतीय परिचालन पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा. विरवानी ने कहा कि वीवर्क इंडिया अपने-आप में एक अलग इकाई है और इस रणनीतिक पुनर्गठन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है. उन्होंने कहा कि दिवाला कार्यवाही से वैश्विक इकाई के परिचालन पर भी असर नहीं होगा, क्योंकि उसके पास कारोबार का स्वामित्व रहेगा और वह पहले की तरह परिचालन करती रहेगी.
एम्बैसी ग्रुप ने जताई निवेश की प्रतिबद्धता दिवाला प्रक्रिया वीवर्क ग्लोबल के अमेरिका और कनाडा में कर्ज और लीज के पुनर्गठन से संबंधित है. विरवानी ने कहा कि इस अवधि के दौरान परिचालन करार के तहत हमारे पास ब्रांड नाम के इस्तेमाल का अधिकार रहेगा. उन्होंने कहा कि वीवर्क इंडिया को एम्बैसी ग्रुप का समर्थन है. एम्बैसी ग्रुप वीवर्क इंडिया के कारोबार में भविष्य में निवेश करने को लेकर प्रतिबद्ध है. वीवर्क ग्लोबल ने जून, 2021 में वीवर्क इंडिया में 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया था.
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