देश के 150 प्रमुख जलाशयों में लगातार 14वें हफ्ते जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण भारत के जलाशयों में जलस्तर 40 फीसद के नीचे चला गया है. पिछले हफ्ते तक देशभर के प्रमुख जलाशयों में पानी का भंडार 105.273 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था, जो कि कुल भंडारण क्षमता का 59 फीसद है, जबकि 1 साल पहले समान की अवधि में यह स्तर 81 फीसद था. वहीं बीते 10 साल में औसत भंडारण क्षमता 95 फीसद दर्ज की गई है. जलाशयों में जलस्तर के आंकड़ों से स्थिति की गंभीरता का स्पष्ट संकेत मिल रहा है.
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक दक्षिण भारत की तुलना में उत्तर भारत के लिए जलाशयों की स्थिति चिंताजनक नहीं है. दरअसल, हिमालय में बर्फ पिघलने से उत्तर भारत के राज्यों को मदद मिल सकती है. हालांकि दक्षिण भारत को जलस्तर में कमी की वजह से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. खासकर रबी चावल और दालों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. उनका कहना है कि उत्पादन प्रभावित होने की वजह से दक्षिण भारत के लोगों को चावल के लिए ज्यादा भाव चुकाना पड़ सकता है.
आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण भारत के 42 जलाशयों में से 19 में पानी का जलस्तर 40 फीसद से कम है, जबकि अन्य 4 का जलस्तर 50 फीसद से कम है. इस हफ्ते जलस्तर 53.334 बीसीएम क्षमता के मुकाबले 39 फीसद गिरकर 20.590 बीसीएम पर आ गया. दूसरी ओर मध्य क्षेत्र जलाशयों में से 26 में जलस्तर कुल क्षमता के 40 फीसद के नीचे लुढ़क गया है. गुजरात और महाराष्ट्र समेत पश्चिमी क्षेत्र में जलस्तर 37.130 बीसीएम क्षमता की तुलना में 69 फीसद गिरकर 25.437 बीसीएम पर पहुंच गया.