देश के 150 प्रमुख जलाशयों में से 4 सूख गए हैं, जिनमें से 3 दक्षिण राज्यों में स्थित हैं. केंद्रीय जल आयोग यानी CWC के आंकड़ों के मुताबिक प्रमुख जलाशयों में लगातार 24वें हफ्ते गिरावट दर्ज की गई है. दक्षिण भारत में करीब 10 अन्य जलाशयों की स्थिति काफी चिंताजनक है. दरअसल, अलनीनो की वजह से दक्षिणी राज्यों के जलाशयों की स्थिति गंभीर बन गई है. खासकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में जून 2023 के बाद कम बारिश हुई है. आंकड़ों के मुताबिक 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर कुल भंडारण क्षमता 178.784 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) का सिर्फ 38 फीसद यानी 67.591 बिलियन क्यूबिक मीटर रह गया है.
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों से पता चला है कि देश के 104 जलाशयों में जलस्तर भंडारण क्षमता का 50 फीसद से नीचे पहुंच गया है, जबकि 79 जलाशयों में जलस्तर 40 फीसद से कम है. दक्षिणी राज्यों के अधिकांश जलाशयों में पानी का स्तर 40 फीसद के नीचे पहुंच गया है. मौसम विभाग के मुताबिक 1 मार्च के बाद से देश के 710 जिलों के 40 फीसद हिस्से में कमजोर या बारिश नहीं हुई है. जनवरी-फरवरी के दौरान 60 फीसद जिलों में कमजोर बारिश या बारिश नहीं दर्ज की गई है.
आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण भारत के जलाशयों में पानी का स्तर 53.334 बीसीएम की कुल क्षमता का 23 फीसद यानी 12.287 बीसीएम रह गया है. दक्षिण राज्यों के 42 जलाशयों में से 30 में पानी का स्तर क्षमता के 40 फीसद के नीचे लुढ़क गया है, जबकि 5 जलाशयों में जलस्तर 50 फीसद के नीचे पहुंच गया है. देश के उत्तरी इलाके में जलाशयों में पानी का स्तर कुल भंडारण क्षमता 19.663 बीसीएम का 33 फीसद यानी 6.439 बीसीएम दर्ज किया गया है. हालांकि कुछ इलाकों में बारिश के पूर्वानुमान और हिमालय में बर्फ पिघलने की वजह से दक्षिणी क्षेत्र में हालात उतने खराब नहीं हैं.