नकदी की कमी से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (VI) की राजस्व हिस्सेदारी में गिरावट आई है. विश्लेषकों के अनुसार जून 2022 से जून 2023 के बीच वोडाफोन आइडिया की 17 प्राथमिकता वाले सर्किलों में राजस्व बाजार हिस्सेदारी (RMS) 1.5 प्रतिशत अंक गिरकर 17.2% हो गई. राजस्व हिस्सेदारी में घाटा और बढ सकता है क्योंकि टेलीकॉम कंपनी बैंक ऋण चुकाने को प्राथमिकता दे रही है और धन के अभाव में पूंजीगत व्यय से समझौता कर रही है. कंपनी ने तिमाही में पूंजीगत व्यय में 65% की भारी कटौती की है.
विश्लेषकों का कहना है कि जिन प्राथमिकता सर्किलों में वीआई राजस्व का 98% हिस्सा है, मगर यहां आई गिरावट दूरसंचार ऑपरेटर की गंभीर वित्तीय स्थिति को दर्शाता है. बता दें आरएमएस पूरे दूरसंचार बाजार नेतृत्व को नापने का एक पैमाना है. सीएलएसए ने कहा कि वीआई का तिमाही पूंजीगत व्यय एक साल पहले के 1,300 करोड़ रुपए के पिछले तिमाही से अप्रैल-जून में 65% गिरकर सिर्फ 450 करोड़ रुपए रह गया. हांगकांग मुख्यालय वाली ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि इस अवधि के दौरान टेलीकॉम कंपनी का बैंक लोन 59% गिरकर 9,500 करोड़ रुपए हो गया, जो दर्शाता है कि कंपनी ने पूंजीगत व्यय में तेजी से कटौती की है.
प्रमुख विक्रेता इंडस टावर्स ने हाल ही में दूरसंचार नियामक से कहा था कि वह वीआई के लिए सेवाओं को प्रतिबंधित कर सकता है और उससे बकाये की वसूली के लिए कानूनी उपायों का सहारा ले सकता है. टेलीकॉम कंपनी पर बकाया लगभग 7,900 करोड़ रुपए (ब्याज सहित) है.
घाटे में चल रही वीआई अपने विक्रेताओं और सरकार को भुगतान करने, अपने 4जी कवरेज का विस्तार करने और बड़े प्रतिद्वंद्वियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल से टक्कर लेने के लिए संघर्ष कर रही है. वीआई अपने लंबित 5जी रोलआउट में निवेश करने के लिए पैसा जुटाने की कोशिश कर रही है. इसके विपरीत, Jio और Airtel अक्टूबर 2022 से अपने 5G नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं और कुछ महीनों में पूरे देश को कवर करने वाले हैं.