दिनोंदिन बढ़ती महंगाई का असर खाने की थाली तक पहुंच गया है. नवंबर में वेज थाली की कीमत 15 फीसद बढ़कर 30.3 रुपए हो गई है. यह वृद्धि टमाटर और प्याज की कीमतों में आए उछाल के चलते हुई है. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार वेज थाली की कीमत मौजूदा वर्ष के पहले 6 महीनों में स्थिर रही क्योंकि अभी सब्जियों और खाने के तेल की कीमतें कुछ कम हुई है. मगर बीच में टमाटर और प्याज के महंगे होने से जुलाई में थाली की कीमत बढ़कर 34 रुपए हो गई थी, जो साल 2023 में सबसे ज्यादा थी. इतना ही नहीं जनवरी से नवंबर के बीच नॉन वेज थाली के दाम में भी थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली थी.
घर पर एक वेज थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित कीमतों के आधार पर की जाती है. इसमें होने वाले मासिक बदलाव से आम आदमी के खर्च पर असर दिखता है. रेटिंग एजेंसी के अनुसार, आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने वाली सामग्री (अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल, खाना पकाने की गैस) शामिल हैं. शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है. वहीं नॉन वेज थाली में बाकी चीजें वही रहती हैं, महज दाल की जगह चिकन हो जाता है.
सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत की खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 4.87 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 5.02 प्रतिशत थी. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अक्टूबर की नीति बैठक में रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा था.