Unclaimed Deposits in Banks: बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट बढ़ता ही जा रहा है. लोग पैसा जमा करके अब इसकी निकासी करने नहीं आ रहे हैं. कोविड के बाद की बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट 2.5 गुना बढ़ गया है. सेविंग्स अकाउंट के निष्क्रिय हो जाने या फिक्स्ड डिपॉजिट न भुनाने की वजह से मार्च 2023 तक अनुसूचित बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट ₹42,000 करोड़ को पार कर गया है.
अलग-अलग खातों में पैसा
दिसंबर 2022 तक करंट अकाउंट, बचत खातों, एफडी और दूसरे इंस्ट्रूमेंट से बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि ₹39,900 करोड़ थी. दिसंबर 2019 में यह 18,379 करोड़ रुपए थी. इसमें सार्वजनिक क्षेत्र, निजी, विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अन्य बैंक शामिल हैं. हालांकि कई प्रयासों के बावजूद यह राशि कम होने की बजाय बढ़ी है. अकेले सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के पास मार्च 2023 तक अनक्लेम्ड डिपॉजिट ₹42,270 करोड़ तक पहुंच गया.
किस बैंक में कितना लावारिस धन?
सरकारी बैंकों के पास सबसे ज्यादा अनक्लेम्ड अमाउंट है. दिसंबर 2022 तक सरकारी बैंकों के पास ₹33,303 करोड़ का जमा था. यह कुल अनक्लेम्ड अमाउंट का 83% है. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के पास ₹8,069 करोड़ की अनक्लेम्ड डिपॉजिट वाले 2.16 करोड़ खाते हैं. ₹5,298 करोड़ के साथ, पंजाब नेशनल बैंक दूसरे नंबर है. हैरानी की बात यह है कि वर्तमान जमा 2019 से लगभग 5 गुना बढ़ गया है. निजी बैंकों में, आईसीआईसीआई बैंक के पास दिसंबर 2022 तक ₹1,074 करोड़ के 31.8 लाख खाते हैं. एचडीएफसी बैंक के पास भी 447 करोड़ रुपए का जमा है जो 2019 से दोगुना हो गया है. विदेशी बैंक डीबीएस बैंक, (जिसने लक्ष्मी विलास बैंक का अपने साथ विलय कर लिया) की अनक्लेम्ड अमाउंट 2019 के 0.5 करोड़ से बढ़कर 2022 में ₹94 करोड़ कर हो गई है.
डिपॉजिट कब कहलाता है अनक्लेम्ड
ऐसा सेविंग या करंट अकाउंट जिसे 10 वर्षों से नहीं चलाया गया है उसे अनक्लेम्ड अमाउंट कहते हैं. FD जिसे 10 साल के भीतर नहीं भुनाया गया है उसे भी अनक्लेम्ड डिपॉजिट की श्रेणी में डाल दिया जाता है. फिर बैंक इन्हें RBI के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (DEA) फंड में ट्रांसफर करते हैं. डिपॉजिटर अपने पैसे को इससे वापस निकाल सकते हैं. इसके अलावा, बैंकों को निष्क्रिय खातों पर न्यूनतम राशि बनाए न रखने पर पेनल्टी भी नहीं लगा सकते हैं.
कैसे मिलेगा पैसा वापस
इससे निपटने के लिए, आरबीआई ने पिछले साल एक ऑनलाइन पोर्टल UDGAM लॉन्च किया था. इसका मकसद बैंकों में दावा न किए गए जमा की खोज करने में मदद करना था. मार्च 2024 तक, 30 बैंक UDGAM का हिस्सा हैं, जो अनक्लेम्ड अमाउंट की जानकारी देते हैं. आरबीआई ने बैंकों को बड़ी अनक्लेम्ड डिपॉजिट की नियमित समीक्षा करने और ऐसे ग्राहकों तक पहुंचने का भी निर्देश दिया है.
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