हाईवे अब विकास की नई कहानी लिखने के लिए तैयार हैं. देश के सभी छोटे-बड़े शहर अब हाईवे से जोड़े जा रहे हैं. हाईवे का ये जाल बिछने से इन शहरों में औद्योगिक विकास भी नई गति पकड़ेगा. साल 2023-24 में सरकार 12,000 से 13,000 किलोमीटर के नेशनल हाईवे तैयार करने जा रही है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि ये लक्ष्य इस साल हासिल किया जाएगा.
फिलहाल सबसे ज्यादा हाईवे बनाने का रिकॉर्ड 13,327 किमी का है जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में बनाया गया था. नंबर दो पर आता है, 10,855 किमी राजमार्गों का निर्माण जो कि वित्त वर्ष 2018-19 में बने. सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन का कहना है कि जनवरी 2024 तक 7,685 किमी हाईवे का निर्माण पूरा कर लिया गया है. वहीं, वित्त वर्ष 2024 के लिए 13,814 किमी के राजमार्ग निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल का लक्ष्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो हाईवे बनाने का ये एक नया रिकॉर्ड होगा.
अनुराग जैन ने ये भी बताया कि चालू वित्त वर्ष में सबसे ज्या दा चार-लेन सड़कों का निर्माण किया जाएगा. ये 9,500 किमी की क्षमता वृद्धि के साथ अब तक की सबसे तेज गति और पहुंच नियंत्रित राजमार्ग होंगे. ये टारगेट पूरा किया जाता है तो ये मंत्रालय के लिए नई उपलब्धि होगी.
विकास के पथ पर हाईवे
राजमार्ग सचिव के अनुसार जनवरी 2024 तक हाईवे निर्माण में साल-दर-साल 10 फीसद की वृद्धि हुई है. जबकि चार-लेन राजमार्गों के निर्माण में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ये वित्तीय वर्ष 2014 की वार्षिक उपलब्धि का ढाई गुना है. चालू वित्त वर्ष के 10 महीनों में यानि अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के बीच 794 किलोमीटर छह और आठ लेन वाले राजमार्ग बनाए गए हैं. जबकि 2022-23 में इस अवधि के दौरान 753 किलोमीटर और 2021-22 में 715 किलोमीटर राजमार्ग बनाए गए हैं. दूसरी ओर, चार-लेन वाले राजमार्ग अप्रैल 2023 और जनवरी 2024 के बीच 2,503 किमी तक बढ़ गए हैं. जबकि 2022-23 में चार-लेन हाईवे 2,093 किमी और 2021-22 में 1,684 किमी के बने थे. वहीं 2,805 किमी डबल लेन सड़कों का निर्माण किया गया.