फेस्टिव सीजन की शुरुआत से पहले ही टीसीएस कर्मचारियों को खुशियों की सौगात मिल गई है. दरअसल भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने कर्मचारियों को 100 प्रतिशत वेरिएबल देने का फैसला किया है. कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 70 फीसद कर्मचारियों को वेरिएबल पे देगी. इसका लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिनका भुगतान कंपनी के प्रदर्शन से जुड़ा है. शेष कर्मचारियों के लिए वेरिएबल पे बिजनेस यूनिट की परफॉर्मेंस पर आधारित होगा. टीसीएस ने यह घोषणा 11 अक्टूबर को तिमाही रिजल्ट जारी करने के बाद की. इससे पहले कंपनी ने पहली तिमाही में वैरिएबल पे का 100 प्रतिशत भुगतान किया था.
आईटी कंपनी ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 8.7 प्रतिशत बढ़कर 11342 करोड़ रुपए हो गया है. कंपनी के हेड एचआर मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि कंपनी अपने 70% वर्कफोर्स के लिए 100% वेरिएबल पे देने जा रही है. बाकी वर्कफोर्स को बिजनेस यूनिट के प्रदर्शन के आधार पर वैरिएबल दिया जाएगा.
बता दें TCS ने साल 2023-24 की दूसरी तिमाही में 6,000 से अधिक कर्मियों की संख्या कम है. वर्तमान में कंपनी के पास कुल कर्मचारियों की संख्या 608,985 है. इस बारे में एचआर प्रमुख का कहना है कि कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है और कंपनी ने अपनी नियुक्तियों की संख्या को फिर से व्यवस्थित किया है. फ्रेशर्स को सक्रिय रूप से काम पर रखने और उन्हें सही स्किल के साथ ट्रेंड करने में निवेश करने की कंपनी की रणनीति सफल हो रही है.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज 25/25 कार्य मॉडल रणनीति पर दोबारा विचार कर रही है. कंपनी कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन दफ्तर बुलाती है. प्रबंधन ने कहा कि 70 प्रतिशत कर्मचारी पहले ही कार्यालय लौट आए है. पिछले तीन वर्षों में कई लोग वापस आए हैं. ऐसे में कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कर्मचारी टीसीएस के मूल्यों और वर्क कल्चर को समझें. इसके लिए कंपनी अपने मॉडलों का लगातार मूल्यांकन करेगी.
टीमलीज के आंकड़ों के अनुसार भारतीय आईटी सेक्टर वित्त वर्ष 2023 की तुलना में 40% कम फ्रेशर्स को नियुक्त करेगा. आमतौर पर अगस्त-सितंबर तक आईटी प्रमुख कंपनियां अपनी कैंपस प्लेसमेंट प्रक्रिया शुरू कर देती हैं, लेकिन इस सीजन में आईटी कंपनियां कैंपस से गायब दिख रही हैं.
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