SBI को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने SBI को 12 मार्च तक ही पूरी डिटेल देने का आदेश दिया है. दरअसल SBI ने 30 जून तक का वक्त मांगा था. हालांकि SC के मुताबिक उनके SBI के पास सभी जानकारी आसानी से उपलब्ध है. इसलिए SBI की अपील को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जानकारी देने के लिए सिर्फ कल तक का समय दिया है. ऐसा न करने पर सुप्रीम कोर्ट SBI के खिलाफ कार्वाई कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हालांकि हम अवमानना क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, लेकिन हमने एसबीआई को नोटिस दिया है कि अगर वह अदालत द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं करता है तो यह अदालत उसके खिलाफ ‘जानबूझकर अदालत की अवज्ञा’ के लिए कार्रवाई करेगी.”
15 फरवरी को आया पहला फैसला
दरअसल सुप्रीम ने 15 फरवरी को चुनावी बांड योजना को “असंवैधानिक” करार दिया, और एसबीआई को 12 अप्रैल, 2019 से सभी चुनावी बांड खरीद की डिटेल 6 मार्च तक चुनाव आयोग को देने का निर्देश दिया था. इसने यह जानकारी 13 मार्च तक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पेश करने का निर्देश दिया था.
हालांकि, समय सीमा से दो दिन पहले, SBI ने SC के सामने आवेदन दायर किया, जिसमें 30 जून तक का समय मांगा गया था.
SBI की सफाई
सुनवाई के दौरान SBI की तरफ से सीनियर वकील हरीश साल्वे पेश हुए थे. उन्होंने जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था. साल्वे ने कहा कि कोर्ट ने SBI को बॉन्ड की खरीद की जानकारी देने के निर्देश दिए थे. इसमें खरीदारों के साथ बॉन्ड की कीमत, राजनीतिक दलों का विवरण, पार्टियों को कितने बॉन्ड मिले जैसी जानकारी भी शामिल है. इस जानकारी को निकालने के लिए एक पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा. SOP के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि बॉन्ड के खरीदार और बॉन्ड की जानकारी के बीच कोई संबंध ना रखा जाए. हमें यह बताया गया था कि इसे गुप्त रखना है. बॉन्ड खरीदने वाले का नाम और खरीदने की तारीख कोड की गई है, जिसे डिकोड करने में समय लगेगा.
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि आवेदन में एसबीआई की दलीलों से पता चलता है कि मांगी गई जानकारी आसानी से उपलब्ध है. “इस प्रकार 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करने वाला एसबीआई का आवेदन खारिज किया जाता है. एसबीआई को 12 मार्च, 2024 के व्यावसायिक घंटों के अंत तक विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया जाता है.”
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को विवरण संकलित करने और 15 मार्च, 2024 तक इसे अपलोड करने का निर्देश दिया. अदालत ने एसबीआई को जारी निर्देशों के अनुपालन में अपने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का हलफनामा दाखिल करने के लिए भी कहा.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनावी बांड पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न कहते हैं कि बांड खरीदने पर खरीदार को हर बार केवाईसी दस्तावेज जमा करना होगा, भले ही खरीदार के पास केवाईसी वेरिफाइड खरीदार खाता हो या नहीं.
क्यों नहीं दी इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारियां
साल्वे ने कोर्ट से कहा कि बॉन्ड खरीदने की तारीख के साथ बॉन्ड का नंबर और उसकी जानकारी भी देनी होगी. इस पर CJI ने पूछा कि 15 फरवरी को फैसला सुनाने के बाद भी अब तक फैसले का अनुपालन क्यों नहीं किया गया? इस पर साल्वे ने सावधानी बरतने का हवाला दिया जिससे गलत जानकारी देने के लिए SBI पर मुकदमा न हो. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि SBI के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं. इस मामले पर 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है, जिसमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं.
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