सिंगापुर और हांगकांग की ओर से भारत से निर्यात किए गए कुछ पैकेज्ड मसाला उत्पादों को वापस किए जाने के बाद से भारतीय मसाला बोर्ड ने भी निर्यातकों के खिलाफ सख्ती बरती है. बोर्ड ने मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की मिलावट को रोकने के लिए निर्यातकों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं. इतना ही नहीं बोर्ड ने परीक्षण के लिए नमूनों की सावधानीपूर्वक हैंडलिंग के उपाय भी बताए हैं.
मसाला बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत निर्यातकों को मसालों की खेप में माइक्रोबियल मिलावट को कम करने के लिए स्टरलाइज़िंग एजेंट के रूप में ईटीओ का उपयोग करने की सलाह दी है. साथ ही भाप स्टरलाइज़ेशन और विकिरण जैसे विकल्पों को अपनाने का भी सुझाव दिया गया है. बोर्ड ने दिशानिर्देशों में ईयू, यूके, यूएस, सिंगापुर, स्विटजरलैंड और तुर्की सहित प्रमुख बाजारों में ईटीओ के लिए एमआरएल की भी जानकारी दी. वैसे कोडेक्स डब्ल्यूएचओ और एफएओ के तहत अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारण निकाय ने मसालों के लिए कोई MRL तय नहीं किया है. मसाला बोर्ड ने ये दिशानिर्देश इंडस्ट्री के साथ विस्तृत चर्चा के बाद जारी किए हैं. इस सिलसिले में सभी निर्यात संगठनों को एक सर्कुलर भी जारी किया गया है.
खतरे में भारतीय मसाला निर्यात
अनुसंधान संस्था ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की ओर से किए गए एक विश्लेषण के अनुसार गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के चलते भारतीय मसाला निर्यात खतरे में आ सकता है. संयुक्त राज्य अमेरिका, हांगकांग, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और अब माले ने प्रमुख भारतीय कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट मसालों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि भारत ने वित्तीय वर्ष 2024 में इन देशों को लगभग 692.5 मिलियन डॉलर मूल्य के मसालों का निर्यात किया है, इसलिए जोखिम काफी बड़ा है. अगर भारतीय मसालों के दो प्रमुख बाजार चीन और यूरोपीय संघ भी इस सिलसिले में कड़ी जांच अपनाते हैं, तो भारत के मसाला निर्यात में कुल संभावित नुकसान 58.8 प्रतिशत होगा.
एथिलीन ऑक्साइड के प्रयोग पर मचा बवाल
सिंगापुर और हांगकांग की फूड सिक्योरिटी एजेंसी ने भारतीय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट की ओर से वहां सप्लाई किए गए कुछ पैकेज्ड मसालों में गुणवत्ता से जुड़ी खामियां पाई थीं. वहां की एजेंसियों का आरोप था कि इन मसालों में तय मात्रा से ज्यादा एथिलीन ऑक्साइड का प्रयोग किया गया है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक है. इस रसायन का प्रयोग कृषि उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए विदेशी सरकार ने इन भारतीय मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया. इन दोनों देशों की कार्रवाई के बाद मालदीव और ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य कई देशों में भी भारतीय मसालों की जांच की जा रही है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।