एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का वृद्धि का मजबूत रिकॉर्ड है और उसने चालू वित्त वर्ष में छह प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को बरकरार रखा है. एसएंडपी ने एशिया-प्रशांत साख परिदृश्य-2024 में ‘स्लोइंग ड्रैगन्स, रोरिंग टाइगर्स’ शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में कहा कि पूंजी की गहनता में सुधार, अनुकूल जनांकिकी और उत्पादकता वृद्धि सुधार के आवश्यक कारक हैं.
एसएंडपी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वृद्धि का रिकॉर्ड मजबूत है. हमें उम्मीद है कि यह गति जारी रहेगी और वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था छह प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. वित्त वर्ष 2024-2025 और 2025-26 में वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहेगी. इसमें कहा गया कि भारत की आर्थिक वृद्धि काफी हद तक दिख रही है. अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी के अनुसार, वृद्धि बाजार के भरोसे व राजस्व सृजन का समर्थन करती है. उसका मानना है कि ब्याज दरों की स्थिति अगले कुछ साल में भारत के ऋण के रुख के लिए महत्वपूर्ण रहेगी.
एसएंडपी ने कहा कि वृद्धि के अगले चरण को खोलने की चुनौतियों में श्रम बल की भागीदारी, जलवायु जुझारूपन तथा कारोबारी माहौल में और सुधार शामिल हैं. एसएंडपी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सेवा उद्योग की मजबूत वृद्धि पर निर्भर है. अर्थव्यवस्था में सेवाओं का प्रभाव समय के साथ बढ़ा है, जबकि कृषि तथा अन्य प्राथमिक उद्योगों ने आर्थिक हिस्सेदारी कम कर दी है. इसमें कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था में सेवाओं की हिस्सेदारी और बढ़ेगी क्योंकि तुलनात्मक रूप से लाभ अब भी उस क्षेत्र में है.